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Thursday, December 4, 2025

केवीके द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर गांव जसापुर में हुआ आयोजन

कानपुर, प्रदीप शर्मा -  चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्र दलीपनगर द्वारा गुरुवार को डॉ आरके यादव निदेशक प्रसार  के निर्देशानुसार गांव जसापुर विकासखंड झींझक में फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत ग्राम स्तरीय कृषक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गांव के प्रगतिशील किसान फूल सिंह द्वारा की गई । कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने किसानों को बताया कि किसान पराली को आग न लगाये बल्कि उसे खेत में मिलाएं तथा खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं । उन्होंने बताया कि पराली में बिल्कुल भी आग ना लगाये  क्योंकि इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है एवं आवश्यक पोषक तत्वों का नुकसान होता है । डॉ खान ने बताया कि फसल अवशेष हमारे खेत


के लिए भोजन का काम करते हैं जो कि खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ उसमें उत्पादित उपज की गुणवत्ता को भी बढ़ाते हैं उन्होंने  बताया कि 1 टन पराली में 5.5 किलोग्राम नत्रजन , 2.3 किलोग्राम फास्फोरस ,25 किलोग्राम पोटाश तथा 1.2 किलोग्राम ग्राम गंधक के अलावा आवश्यक मात्रा में सूक्ष्म पोषक तत्व,सूक्ष्मजीव होते हैं जो खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में काम आते हैं । डॉ खान ने किसानों को बताया कि 1 टन पराली में आग लगाने से 3 किलोग्राम सूक्ष्म कणों के भाग, 60 किलोग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड गैस, 1460 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड गैस , 199 किलोग्राम राख , 2 किलोग्राम सल्फर डाइऑक्साइड गैस के अलावा विभिन्न तरह का प्रदूषण होता है जो हमारे शरीर में आंखों में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है । उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन की कई मशीनें हैं जो किसानों को अनुदान पर देय हैं जिनके द्वारा किसान पराली को आसानी से खेत में मिला सकते हैं तथा वेस्ट डिकम्पोजर द्वारा कम समय में पराली को सड़ा कर आगामी फसल बोई जा सकती है यह मशीनें हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, जीरो टिलेज मशीन, शमल्चर , रिवर्सिबल एमबी प्लाऊ जो किसानों को 80% तक अनुदान पर देय हैं । पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने पशुओं में होने वाली खुरपका,मुंहपका, बीमारियों के नियंत्रण एवं सर्दी में दुधारू पशुओं के प्रबंधन पर जानकारी दी।गांव के किसानो ने जागरूकता कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं खेती किसानी, पशुपालन एवं बागवानी से संबंधित अपनी शंकाओं का समाधान भी किया। गृह वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी ने श्री अन्न के बारे में से बताया। इस अवसर पर कृषि विभाग के डॉ बालकृष्ण, जयवीर सिंह, राकेश कुमार,संजीव कुमार, अमर पाल सिंह, प्रताप नारायण गांव केशिवम् सिंह , नरोत्तम कुशवाहा, धर्मेंद्र सिंह, अनुराग यादव, अश्वनी यादव राम कुमार सिंह, अनुराग सिंह सहित 65 से अधिक किसान मौजूद रहे।

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