पचास गांवों का सीधा संबंध है
मऊ/चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । विकास के खोखले दावों की पोल खोलने को बुंदेला नाला की तस्वीर काफी है। कई दशकों से जीर्णोद्धार होने की बाट जोह रहा बुंदेला नाला चुनाव आते ही चर्चा में आ जाता है। मंगलवार को चुनावी मौसम की बयार में बुंदेला नाला पर पुल निर्माण की बात चली है। प्रयागराज व चित्रकूट को जोड़ने वाले इस जर्जर बुंदेला नाला पुलिया में आये दिन हादसे होते हैं। लोग बाग जान हथेली पर रख के यात्रा करते हैं। इसके निर्माण की खास पहल साकार होती नहीं दिख रही। वैसे तो बुंदेला नाला एक बरसाती नदी है, जो शंकरगढ़ की पहाड़ियों से निकल कर प्रयागराज के लालापुर थाने के प्रतापपुर के पास यमुना नदी में मिल जाती है। प्रयागराज से घूरपुर-लालापुर होते हुए प्रधानमंत्री सड़क मऊ में मिलती है। इस मार्ग से मऊ से प्रयागराज की दूरी बीस किमी कम हो जाती है। दोनों जिलों को जोड़ने में सबसे बड़ी बाधा बुंदेला नाला बीच में अवरोध पैदा करता है। प्रयागराज से प्रतापपुर तथा मऊ से प्रतापपुर तक काली सड़क बनी है। प्रतापपुर के पास बुंदेला नाला पर पुल नहीं है। इससे ऊबड़-खाबड़ खड़ी चढ़ाई पर लोग दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि सरकार ने बहुत पहले एक रपटा बनवाया था। वर्तमान में रपटा क्षतिग्रस्त है। थोड़ी सी बरसात में बुंदेला नाला उफान में आ जाता है। इससे रपटे के ऊपर पानी बहने लगता है। ऐसे में लोग मजबूरी में जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं।
पुल को तरस रहा बुंदेला नाला। |
गौरतलब है कि बुंदेला नाला का आधा हिस्सा प्रयागराज व आधा हिस्सा चित्रकूट में आता है। इससे पुल निर्माण में जनप्रतिनिधियों ने रुचि नहीं दिखाई। बुंदेला नाला में पुल बन जाये व सड़कों को दुरुस्त किया जाये तो मऊ से प्रयागराज आवागमन का ये सुगम मार्ग हो जायेगा। लोग बिना किसी जोखिम के कम दूरी व कम समय में प्रयागराज आ-जा सकेंगे।
बच्चों को होती है परेशानी
मऊ/चित्रकूट। शंकरगढ़ के प्राइवेट स्कूलों में स्थानीय बच्चे पढ़ते हैं। जर्जर बुंदेला नाला पारकर वे किसी तरह यात्रा करते हैं। बच्चों को सबसे ज्यादा बरसात में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बुंदेला नाला पचास गांवों को प्रभावित करता है। हजारों लोग रोज बुंदेला नाला पार करते हैं। स्थानीय लोग दशकों से उपेक्षित बुंदेला नाला पर पुल निर्माण कराने की मांग करते आ रहे हैं। दशकों से उपेक्षित बुंदेला नाले पर कब पुल बनेगा, ये देखना है।
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