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Monday, May 6, 2024

गर्मी बढ़ने के साथ पेयजल को परेशान तीन लाख की आबादी

जल संस्थान को 26 एमएलडी पानी की जरूरत, मिल रहा कुल 23 एमलडी पानी

इंटेकवेलों को पानी मिलने में दिक्कत, ओवरहेड टेंक नहीं भर पा रहे

बांदा, के एस दुबे । साढ़े तीन लाख शहरी बाशिंदों को जल संस्थान पानी नहीं पिला पा रहा है। दरअसल अल संस्थान को इन दिनों 26 एमलडी पानी की जरूरत है, लेकिन उसे इंटेकवेलों के जरिए महज 23 एमएलडी ही पानी उपलब्ध हो पा रहा है। मसलन इंटेकवेलों से शहर के ओवरहेड टैंक कम ही भर पा रहे हैं, इसकी वजह से शहर के विभिन्न इलाकों में रहने वाले बाशिंदों को पेयजल आपूर्ति का पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं और जल संस्थान के अधिकारी इस ओर से बेपरवाह बने हुए हैं।

जल संस्थान के अधिकारियों की मानें तो शहर में रहने वाली तकरीबन साढ़े तीन लाख की आबादी को प्रतिदिन पानी उपलब्ध कराया जाता है। उसका दावा है कि शहर का ऐसा कोई भी इलाका नहीं है, जहां पर पाइप लाइन बिछाई गई है और वहां पानी न पहुंच रहा हो। लेकिन गर्मी के इन दिनों में धरातल पर हकीकत जल संस्थान के दावों के ठीक उलट है। शहर की आबादी को पेयजल आपूर्ति का भरपूर पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिदिन 26 एमएलडी पानी की आवश्यकता है, लेकिन जल संस्थान अपने दो इंटेकवेलों के माध्यम से महज 23 एमएलडी पानी ही प्राप्त कर पा रहा है। ऐसी स्थिति में पेयजल आपूर्ति लड़खड़ा रही है और शहर के विभिन्न इलाकों में पेयजल आपूर्ति का पानी लोगों के घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है। सूत्रों की मानें तो जल संस्थान को 23 एमएलडी पानी प्राप्त करने में ही नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। इसका कारण यह है कि गर्मी के दिनों में केन नदी का जल स्तर कम होता जा रहा है, जिससे इंटेकवेलों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा।

आवास विकास इलाके में खड़ा जल संस्थान का टैंकर

शहर के जल संस्थान के 24 नलकूप

बांदा। शहर के विभिन्न इलाकों में पेयजल आपूर्ति की सप्लाई करने के लिए जल संस्थान के कुल 24 नलकूप हैं। इन सभी नकूलकूपों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति का पानी पहुंचाया जाता है। मालुम हो कि तिंदवारी, अतर्रा, नरैनी रोड और जमालपुर कनवारा रोड पर जल संस्थान के नलकूप स्थित हैं। इन नलकूपों के माध्यम से शहर के विभिन्न मोहल्लों में पेयजल आपूर्ति का पानी पहुंचाया जाता है। लेकिन जल संस्थान को पर्याप्त पानी न मिल पाने की वजह से यह व्यवस्था लड़खड़ाती हुई नजर आ रही है।

बांबेश्वर और भूरागढ़ में दो ट्रीटमेंट प्लांट

बांदा। जल संस्थान के पास तीन इंटेकवेल हैं। इनमें से एक बांबेश्वर पर्वत पर स्थित है। वहां से छोटी बाजार बस्ती और अन्य इलाकों के लिए ओवरहेड टैंक के जरिए पेयजल आपूर्ति की जाती है। जबकि भूरागढ़ में दो ट्रीटमेंट प्लांट स्थित हैं। एक साढ़े सात एमएलडी और दूसरा 10 एमएलडी क्षमता का है। इस ट्रीटमेंट प्लांट की परिधि में कृषि विश्वविद्यालय भी शामिल है। यहां से आवास विकास, इंदिरा नगर और अन्य इलाकों को पेयजल आपूर्ति की जाती है। गर्मी के इन दिनों में जल संस्थान को केन नदी से पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह से पेयजल आपूर्ति का पानी विभिन्न इलाकों में नहीं पहुंच पा रहा है।

40 मिनट भी पेयजल आपूर्ति मुमकिन नहीं हो पा रही

बांदा। मई माह के पहले पखवारे में ही पानी के लिए हायतौबा मचने लगी है। केन नदी से इंटेकवेल के माध्यम से जल संस्थान प्रतिदिन 23 एमएलडी पानी ही मिल पा रहा है। जबकि शहर में बेहतर पेयजल आपूर्ति करने के लिए 26 एमएलडी पानी की आवश्यकता है। गर्मी के दिनों में केन नदी का जल स्तर कम होने की वजह से अब जल संस्थान शहर को 40 मिनट भी ठीक तरह से पानी की आपूर्ति कर पाने में नाकाम साबित हो रहा है।

इंदिरा नगर और जेल रोड में बने हैं ओवरहेड टैंक

बांदा। जल संस्थान अपने इंटेकवेलों के माध्यम से शहर के दो ओवरहेड टैंकों में पानी भरता है। एक ओवरहेड टैंक इंदिरा नगर और दूउसरा जेल रोड में बताया गया। सूत्रों की मानें तो केन नदी के कम पानी मिल पाने की वजह से ओवरहेड टैंक पूरी तरह से नहीं भर पा रहे हैं। अब जब ओवरहेड टैंकों में पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं होगा तो फिर शहर को पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति मुमकिन कैसे होगी।


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