नए कानून के विरोध में अधिवक्ताओं का अनशन जारी
बांदा, के एस दुबे । नए कानूनों के विरोध में जिला अधिवक्ता संघ की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा। अनशनकारी दिनेश कुमार भूरागढ़ कनिष्ठ उपाध्यक्ष, रोहन सिन्हा, निखिल सक्सेना, गंगा चतुर्वेदी, आशीष मिश्र, कौशलेंद्र शुक्ला, विजय शंकर शुक्ला, राजेंद्र यादव आदित्य सिंह, प्रशांत सिंह धरने पर बैठे रहे। सभी ने काले कानूनों की वापसी की मांग की। वरिष्ठ अधिवक्ता व बार सदस्य विशंभर निषाद ने अधिवक्ता की हैसियत से बार के मेमोरेण्डम को 26 जून को सत्ता पक्ष व विपक्ष के वरिश्ठ नेताओं से मिलकर उपजी कानूनी अस्त-व्यस्तता की पीड़ा को जनसमस्या के रूप में बार की ओर से अवगत कराने का बीड़ा उठाया। धरना स्थल पर अनशन के अलावा एक महत्वपूर्ण गंभीर बैठक वर्तमान अध्यक्ष व सचिव के साथ पूर्व अध्यक्षों शंकर सिंह गौतम, रामस्वरूप सिंह, रामकृश्ण त्रिपाठी, अवधेश गुप्ता, जागेश्वर यादव, उमाशंकर शर्मा, ओमप्रकाश्ज्ञ सिंह, एजाज अहमद, राजेश
नए कानून के विरोध में धरने पर बैठे अधिवक्ता |
दुबे, राजाभइया मिश्र, बृजमोहन सिंह की बैठक हुई। इसमें टेलीफोनिक वार्ता बार कौंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्र व उत्तर प्रदेश्ज्ञ बार कौंसलि के अध्यक्ष शिवकिशोर गौड़ ने आश्वस्त किया कि फिर अपना ज्ञापन प्रेशित करें। बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ने बार कौंसिल की बैठक बुलाने को आश्वस्त किया। इन स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए व पूर्व अध्यक्षों के साथ हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि रविवार को पूर्व अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी व पूर्व अध्यक्ष अवधेश गुप्ता के नेतृत्व में अपनी टीम के साथ क्रकि अनशन जारी रहेगा। इन दो दिनों में वर्तमान कमरविवार को सभी सम्मानित बार संघ के अधिवक्तागणों के साथ संघ भवन में सुबह नौ बजे उपस्थित होकर मुंह में काली पटृटी बांधकर साक्ष्य अधिनियम के उस कालेज कानून को व सभी कानूनों का जोरदार ढंग से विरोध करेंगे। शनिवार को बार संघ ने टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी को धन्यवाद ज्ञापित किया। क्योंकि उन्होंने अधिवक्ताओं के संघर्ष का संज्ञान लेकर प्रधानमंत्री को पत्र प्रेषित किया है, जिसके लिए जिला अधिवक्ता संघ उनका आभार व्यक्त करता है।
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