खागा/फतेहपुर, मो. शमशाद । नगर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि देश की बड़ी शख्सियत पद्मश्री उमाशंकर पांडेय रहे। इस अवसर पर पद्म श्री उमाशंकर पाण्डेय ने प्रवीण पांडेय की लिखित जलनिधियों को जीने दो पुस्तक का विमोचन किया। पद्मश्री ने अपने संबोधन में कहा कि जलनिधियों को जीने दो, नदियां केवल जलधाराएं नहीं है, बल्कि जीवन धाराएं हैं, हमारे पूर्वज भटकते हुए इन्हीं जल धाराओं के किनारे बेहतर जीवन की आस लेकर बस गए थे। उन्होंने यही से खेती की गांव बसाया लोक समाज और जल धाराओं को गंभीरता से मजबूत किया यह पुस्तक समाज के लिए चेतावनी है। पानी सहेजने का माध्यम है यह महत्वपूर्ण किताब, जल निधियों को जीने दो मेरा सौभाग्य है कि लोकार्पण मेरे द्वारा किया गया। प्रवीण पांडेय सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। एमसीए करने के बाद आपकी रुचि नदी झील तालाब पर्यावरण प्राचीन एवं धार्मिक धरोहरों को सहेजने में है। जमीनी स्तर पर काम
जलनिधियों को जीने को पुस्तक का विमोचन करते अतिथि। |
कर रहे हैं। प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में लेख के माध्यम से सामाजिक सरोकार के मुद्दों पर बात रखते हैं अपने पैतृक गांव को शिक्षा और संस्कार के माध्यम से आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। पानी की समझ रखने वाले पानी के मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले पंकज चतुर्वेदी जिन्होंने अपनी से संबंधित विभिन्न विषयों पर कई किताबें लिखी हैं और अधिकांशत उनके लेख राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में जल संरक्षण नदी और तालाब को लेकर सामाजिक सरोकार के हम सब पढ़ते रहते हैं की देखरेख में उन्होंने इस पुस्तक का लेखन कार्य किया है। जल संरक्षण जल नीतियों के बारे में जानने के लिए अद्भुत लेखन किया है। उनके इस लेखन के लिए उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर नगर पंचायत खागा की अध्यक्ष गीता सिंह, खखरेरू के अध्यक्ष ज्ञान चंद्र केसरवानी, विमल पाण्डेय राजकुमार सिंह, ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह उपस्थित रहे।
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