पर्चा काउंटर, ओपीडी और दवा वितरण कक्ष में भी लगानी पड़ी लाइन
मरीजों की संख्या बढने की वजह से मरीजो को नहीं मिल पा रहे बेड
ट्रामा सेंटर में गद्दीदार बेंचों पर लिटाकर किया जा रहा मरीजों का उपचार
बांदा, के एस दुबे । जिला अस्पताल में सोमवार को मरीजों की जबरदस्त भीड़ रही। सुबह से ही पर्चा काउंटर से लेकर चिकित्सकों के चेंबर और दवा वितरण कक्ष में मरीजों की लाइन लगी रही। गर्मी के इस मौसम में डायरिया और बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आलम यह है कि मरीजों को अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इसकी वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सीएमएस के द्वारा गद्दीदार बेंच की व्यवस्था करके मरीजों का उपचार कराया जा रहा है। मई माह से लेकर जून माह के पहले पखवारे तक में गर्मी ने पुराने रेकार्ड तोड़ दिए हैं। इसके चलते डायरिया और बुखार से पीडि़त मरीजों की संख्या में लगातार
ट्रामा सेँटर में भर्ती मरीज |
इजाफा हो रहा है। आलम यह है कि ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में मरीजों की लाइन लग रही है। रविवार को अस्पताल बंद होने के बाद जब सोमवार को अस्पताल खुला तो सुबह से ही मरीजों की लंबी लाइन लग गई। पहले तो पर्चा काउंटर में लाइन लग गई, इसके बाद चिकित्सकों के चेंंबरों में भी मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। बमुश्किल उपचार कराने के बाद मरीज व तीमादार दवा वितरण कक्ष पर पहुंचे, वहां पर लाइन लगाई, तब कहीं जाकर मरीजों को दवा प्राप्त हुई। जिला अस्पताल में लाइन लगाने से मरीज और तीमारदार परेशान नजर आ रहे हैं। सबसे ज्यादा मरीज डायरिया और बुखार से पीडि़त रहे। तकरीबन डेढ़ बजे चिकित्सकों ने अपने चेंबर छोड़ दिए थे। तमाम मरीज जब चिकित्सकों के चेंबर पर पहुंचे तो वहां पर डाक्टर साहब नहीं थे। बेचारे बैरंग वापस लौट गए। इसके बाद ट्रामा सेंटर में इमरजेंसी पर्चा बनवाकर मरीजों ने अपना उपचार कराया। ट्रामा सेटर में तैनात
जिला अस्पताल का मुख्य गेट |
ईएमओ डा. विनीत सचान का कहना है कि गर्मी के मौसम में डायरिया के मरीजों में इजाफा हो रहा है। बुखार पीडि़त मरीज भी जिला अस्पताल आ रहे हैं। ईएमओ ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से भी मरीजों को जिला अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है। इसकी वजह से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। रेफर होकर आने वाले मरीजों का संबंधित सीएचसी में अगर उपचार किया जाए तो काफी हद तक जिला अस्पताल में मरीजों का लोड कम हो सकता है। डा. सचान ने गर्मी के मौसम में लोगों से एहतियात बरतने की बात कही है। कहा है कि बिना पानी पिये घर से बाहर न निकले। हो सके तो धूप में घर से बाहर न निकलें, अगर मजबूरन निकलना पड़े तो सिर पर गमछा बांधकर या फिर छाता लेकर निकलें।
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