ट्रामा सेंटर में मरीजों का किया गया उपचार
मरीजों को बेड मिलने में हो रही परेशानी
बांदा, के एस दुबे । गर्मी के साथ ही मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। रविवार को अवकाश होने के कारण ओपीडी बंद रही, लेकिन ट्रामा सेंटर इमरजेंसी में डायरिया और बुखार से पीड़ित मरीजों की भीड़ पहुंची। मरीजों का चिकित्सकों ने उपचार किया। हालांकि मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण बेड मिलने में परेशानी हो रही है। लेकिन सीएमएस की ओर से ट्रामा सेंटर में एक दर्जन से ज्यादा गद्दीदार बेंचों का इंतजाम किया गया है। इसकी वजह से मरीजों को काफी हद तक राहत मिल रही है। बेंच पर लिटाकर ही मरीजों को चिकित्सकों के द्वारा उपचार
ट्रामा सेंटर में गद्दीदा बेचों पर लेटे मरीज |
सुलभ कराया जा रहा है। जबरदस्त गर्मी होने के कारण डायरिया और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है। जिला अस्पताल में ओपीडी रविवार केा अवकाश होने के कारण बंद रही, लेकिन ट्रामा सेंटर में सुबह से ही मरीज पहुंचने लगे। मरीजों के पहुंचने के साथ ही ट्रामा सेंटर में तैनात ईएमओ ने मरीजों का उपचार किया। ज्यादातर मरीज डायरिया से पीड़ित नजर आए। बुखार के भी कुछ मरीज ट्रामा सेंटर पहुंचे, वहां पर उनका उपचार किया गया। मरीजों की संख्या अधिक हो जाने के कारण नए मरीजों को बेड मिल पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हालांकि जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डा. आरके गुप्ता की ओर से बेड की समस्या का समाधान कराते हुए काफी समय पहले गद्दीदार बेंचों का इंतजाम किया गया था। इन सभी बेंचो को ट्रामा सेंटर के बरामदे और गैलरी में डाला गया है। वहीं पर मरीजों को लिटाकर उपचार किया जाता है। गौरतलब हो कि रविवार को अवकाश रहा तो ओपीडी बंद रही। वरना ओपीडी में भी सुबह से एक हजार से ज्यादा मरीज अपना रजिस्ट्रेशन
कराने के बाद चिकित्सकों के चेंबर में पहुंचकर उपचार कराते हैं। रविवार को ट्रामा सेंटर में ही मरीजों का उपचार किया गया। ट्रामा सेंटर के चिकित्सकों ने गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए लोगों से एहतियात बरतने की बात कही है। कहा है कि तेज धूप होने के समय घर से बाहर न निकलें। अगर मजबूरन किसी कार्यवश घर से बाहर निकलना पड़े तो पहले भरपेट पानी पियें, इसके बाद सिर में गमछा बांधकर या फिर छाता लगाकर बाहर निकले। बुखार या फिर डायरिया से पीड़ित होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या फिर जिला अस्पताल में पहुंचकर उपचार कराएं। लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
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