बच्चों के मस्तिष्क विकास के लिए खिलौने से ज्यादा आवश्यक है प्यार से भरपूर संवाद : डा. आरपी
फतेहपुर, मो. शमशाद । मिशन निदेशक नीति आयोग भारत सरकार के निर्देशानुसार आकांक्षी जनपद में वैन लीर फाउण्डेशन एवं विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसायटी के संयुक्त प्रयास से जीवन के प्रथम 1000 दिवस परियोजना का कियान्वयन किया जा रहा है। जिसके क्रम में समस्त जनपद से चयनित 185 मास्टर ट्रेनर्स का सघन 12 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 19 जून से 5 जुलाई तक तीन प्रथक बैचों में प्रशिक्षण स्थल होटल माया श्याम में किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना के नेतृत्व एवं मुख्य आतिथ्य में आरम्भ हुआ। कार्यक्रम में उप जिलाधिकारी श्वेता सिंह, डीन एवं प्रिंसिपल मेडिकल कालेज डा. आरपी सिंह, जिला विकास अधिकारी प्रमोद सिंह चंद्रौल, जामिया मीलिया विश्वविद्यालय नई दिल्ली की व्याख्याता डा. अनुभा राजेश, चिकित्सकीय सर्जरी विभाग मेडिकल कालेज के विभगाध्यक्ष डा. नरेश विशाल, राज्य स्तरीय सन्दर्भ सदस्य पूर्व
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते सीडीओ पवन कुमार मीना। |
प्राथमिक शिक्षा राजेश त्रिपाठी आदि ने मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिभाग किया। वृहद जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ सर्वप्रथम मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन के साथ किया। उसके उपरान्त वैन लीर फाउंडेशन के जिला समन्वयक अनुभव गर्ग द्वारा समस्त प्रतिभागियों एवं प्रशिक्षकों का स्वागत किया। शुभारम्भ के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि जैसा कि हम सभी जानते हैं, जीवन के प्रथम 1000 दिन एक बच्चे के संपूर्ण जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इस अवधि में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास की नींव रखी जाती है। जिसके लिए नीति आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश में हमारा जिला एक आकांक्षी ज़िले के रूप में इस नवाचार हेतु चुना गया है जहां विश्व स्तरीय प्रतिष्ठित संस्थानों, संसाधन सामग्री एवं बेंचमार्किंग अभ्यास के माध्यम से समस्त शासकीय विभागों को प्रशिक्षित करते हुए इस योजना को क्रियान्वयित किया जा रहा है। ज़िले में 185 मुख्य प्रशिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। जिसके बाद ये समस्त मुख्य प्रशिक्षक सभी ब्लाकों में जा कर प्रशिक्षण देने का कार्य करेंगे। इसी क्रम में खंड स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 300 से अधिक स्वास्थ्य एवं बाल विकास कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के डीन एवं प्रिंसिपल डा आरपी सिंह द्वारा सभी प्रतिभागियों को चार दिन की ट्रेनिंग के बारे में और उसके विषय के बारे में पूर्ण रूप से अवगत कराया। कहा कि प्रथम हजार दिवस किसी भी बच्चों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जरूरी नहीं है कि बच्चों के दिमाग का विकास महंगे खिलौने या या महंगी शिक्षा से ही बच्चों के मानसिक विकास किया जा सकता है जबकि बच्चों को सिखाने में आस पड़ोस की वस्तुएं, घर का सामान, रोज जीवन में इस्तेमाल होने वाली चीजों से भी बच्चों को ज्यादा सीखने के अवसर मिलते हैं। इस मौके पर बाल विकास परियोजना अधिकारी ब्लाक तेलियानी कन्हैयालाल, हसवा से अरविंद कुमार एवं आकांक्षी ब्लाक हथगाम से संतोष कुमार, समस्त महिला पर्यवेक्षक, ब्लाक प्रबंधक एनएचएम आदि ने प्रशिक्षणार्थीओं के रूप में सक्रीय रूप से प्रतिभाग किया। जिला क्रियान्वयन टीम विक्रमशिला संस्था की ओर से विषय विशेषज्ञ स्वास्थ्य एवं पोषण सोनल रूबी राय, प्रारंभिक बाल विकास विषय विशेषज्ञ आर्यन कुशवाहा, परियोजना अधिकारी अनामिका एवं प्रशांत आदि ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की समस्त प्रबंधकीय व्यवस्थाओं के साथ समस्त प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
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