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Monday, August 19, 2024

शिवशंकर भोला भंडारी सुन लो अरज हमारी...

सावन के पांचवें सोमवार को बामदेवेश्वर और नीलकंठेश्वर शिव मंदिर में उमड़े श्रद्धालु

गंगाजल, दूध, दही से किया गया भगवान शिव का अभिषेक, गूजता रहा भोलेनाथ का जयकारा

बामदेवेश्वर मंदिर और कालिंजर दुर्ग में सुरक्षा के लिहाज से तैनात रही पुलिस

बांदा, के एस दुबे । भगवान शिव को अति प्रिय सावन का महीना सोमवार से समाप्त हो गया। सावन के पांचवें और अंतिम सोमवार को भोर पहर से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम शहर स्थित बामदेवेश्वर पर्वत और कालिंजर दुर्ग में पहुंच गया। बामदेवेश्वर शिव का श्रद्धालुओं ने विधिवत जलाभिषेक करते हुए बेलपत्र, धतूरा, पुष्प चढ़ाकर आरती उतारी। जबकि नीलकंठेश्वर मंदिर में महादेव का जलाभिषेक करने पर पुरातत्व विभाग ने रोक लगा रखी है, इसके चलते श्रद्धालु जलाभिषेक नहीं कर पाए, लेकिन विधिवत पूजा-अर्चना की। दुर्ग में ही विराजमान बलखंडेश्वर महादेव का श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। बामदेवेश्वर और कालिंजर दुर्ग में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस फोर्स तैनात रही।

बामदेवेश्वर शिव मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक करते श्रद्धालु

पूर्णिमा पर पांचवें सोमवार की भोर से श्रद्धालुओं का रेला हर-हर-बम-बम का जयघोष करते हुए बामदेवेश्वर पर्वत पर जा पहुंचा। गुफा में विराजमान बामदेवेश्वर शिव का विधिवत गंगाजल, दूध, दही, घी से जलाभिषेक करते हुए शिव को अतिप्रिय धतूरे का फल चढ़ाया और आरती-पूजा की। इसके बाद फूलों की माला पहनाई। सावन के महीने में बामदेवेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ती है। इसको लेकर मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने सावन माह शुरू होने से पहले ही तैयारियां पूरी कर ली थीं। सावन के अंतिम सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होने को ध्यान में रखते हुए बैरिकेडिंग लगाई गई थी। इसके साथ ही गुफा के अंदर स्वयंसेवकों ने व्यवस्था संभाल रखी थी। गुफा के अंदर चंद मिनट ही श्रद्धालुओं को रोका गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुजारी पुत्तन महाराज ने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस तैनात रही और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की गई। संकट मोचन मंदिर में विराजमान भगवान भोलेनाथ का भी विधिवत रुद्राभिषेक किया गया। महेश्वरी देवी मंदिर, काली देवी मंदिर समेत शहर के सभी शिवालयों में श्रद्धालुओं ने सावन माह के आखिरी सोमवार को पूजा-अर्चना की। जनपद के विभिन्न स्थानों पर स्थित शिव मंदिरों में भी सुबह से पूजा-अर्चना का दौर चला। शाम होते ही श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन का आयोजन भी किया। बबेरू में सावन के पांचवें और आखिरी सोमवार को सिद्ध पीठ मां मढीदाई मंदिर में भोर सबेरे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रही। मंदिर में विराजमान भगवान शिव का श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की और बेलपत्र, धतूरा, दूध, दही और पुष्प
बबेरू में मढ़ीदाई मंदिर में पूजा-अर्चन करते श्रद्धालु

चढ़ाए। आम चौराहा अद्भुत शिव मंदिर, सुंदर कुआ शिव मन्दिर में भी श्रद्धालुओं सुबह से ही भीड़ रही। कस्बे के शिवालयों में श्रद्धालुओं ने विधिवत पूजा-अर्चना की और हर-हर-बम-बम का जयघोष लगाया। इसी तरह अतर्रा के सिद्धपीठ गौराबाबा धाम में सुबह से ही श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक किया। इसके बाद धतूरा, बेलपत्र, फूल चढ़ाकर पूजा-अर्चना की। सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से इंस्पेक्टर कुलदीप तिवारी, कस्बा इंचार्ज कृष्णदेव त्रिपाठी समेत पुलिस कर्मी पूरा दिन मुस्तैद रहे। मंदिर परिसर में आयोजित मेले में श्रद्धालुओं ने खरीदारी की। गौराबाबा मंदिर के महंत पुरुषोत्तम दास महाराज ने भक्तों को प्रसाद का वितरण किया। इसके अलावा कस्बे के सभी शिव मंदिरों में श्रद्धालुओ ने विधिवत पूजा अर्चना की। पैलानी क्षेत्र के कालेश्वर बाबा शिव मंदिर में भोर होते ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। उधर, कालिंजर दुर्ग में श्रद्धालुओं ने विराजमान भगवान नीलकंठेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना की। नीलकंठेश्वर महादेव के जलाभिषेक पर पुरातत्व विभाग ने रोक लगा रखी है। इसके चलते श्रद्धालुओं ने बलखंडेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया। सुरक्षा के लिहाज से दुर्ग में पुलिस तैनात रही। मेले में श्रद्धालुओं ने खरीदारी की। श्रद्धालुओं का कहना है कि नीलकंठेश्वर महादेव का जलाभिषेक नहीं करने दिया जा रहा है। किले में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद रही। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस किले में तैनात रही। बारिश की बूंदों के बीच श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।



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