जलभराव होने से आवागमन के दौरान लोगों को हुई मुश्किलें
गर्मी से राहत मिली तो खिल उठे लोगों के चेहरे
बांदा, के एस दुबे । सावन के आखिर में रविवार को दोपहर बाद मौसम एक बार फिर मेहरबान हो गया। पहले आधे घंटे तक तेज और फिर रिमझिम बरसात से मौसम सुहाना हो गया। गर्मी से निजात पाए लोगों के चेहरे खिल उठे। यह बात दीगर रही कि जलभराव हो जाने से लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ा। गौरतलब हो कि सावन के महीने में कई बार बारिश का सिलसिला चला। कभी रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश होने से जहां लोगों को गर्मी से निजात मिली, वहीं किसानों के माथे से चिंता की लकीरें गायब हो गईं। बारिश न होने की वजह से किसानों की धान की रोपाई नहीं हो पा रही थी। पौध के साथ ही अन्य फसलें भी सूखने की कगार पर पहुंच गईं थीं। नहरों द्वारा छोड़ा गया पानी किसानों के लिए पर्याप्त साबित नहीं हो रहा था। किसानों का कहना था
रविवार को बारिश के दौरान सड़क पर पसरा सन्नाटा |
कि जब तक बारिश नहीं होगी, तब तक खेती बो पाना मुमकिन नहीं है। सावन महीने में इंद्रदेव की मेहरबानी से झमाझम बारिश हुई। सोमवार को सावन माह का आखिरी दिन है। उसके एक दिन पहले रविवार को दोपहर एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदल गया। आसमान पर बादल छा गए और ठंडी हवाओं के झोंकों के साथ एक बार फिर से बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। तकरीबन आधे घंटे तक झमाझम बारिश होने और फिर रिमझिम बरसात होने के बाद लोगों को गर्मी से निजात मिली। मौसम सुहाना हो गया। शहर के कई इलाकों में बारिश का पानी गलियों में भर जाने के कारण आवागमन में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में नालियां उफना जाने के कारण पानी घरों में घुस गया।
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