अखिल भारतीय भंगी महासभा ने पीएम को ज्ञापन भेजकर सभी राज्यों में लागू कराने की उठाई मांग
फतेहपुर, मो. शमशाद । सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति के आरक्षण में वंचित अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए उपवर्गीकरण किए जाने के फैसले को अखिल भारतीय भंगी महासभा ने स्वागत योग्य बताते हुए इसे देश के सभी प्रदेशों में लागू कराए जाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा है। बाल्मीकि जन कल्याण महासमिति के चौधरी/अध्यक्ष चौधरी भक्तदास की अगुवई में पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सांपकर बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने अनुसूचित जाति के आरक्षण से अब तक वंचित रहीं अनुसूचित जाति की उपजातियों के उत्थान के लिए आरक्षण का वर्गीकरण किए जाने का फैसला किया है। जिसका स्वागत है। हम अस्वच्छ पेशे से जुड़ी जाति की उपजातियां बाल्मीकि, हेला, डोम, डोमार, रूखी, राउत, धानुक, बसोर, बासफोर, चुहड़ा, लालबेगी आदि जो अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जानी जाती है और
डीएम को ज्ञापन देने के लिए कलेक्ट्रेट में खड़े महासभा के पदाधिकारी। |
सफाई का कार्य कर बद से बदतर जीवनयापन करती हैं। आजादी के बाद सफाई पेशे से जुड़ी भंगी-मेहतर की सभी उपजातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कर सभी अनुसूचित जातियों के साथ आरक्षण प्रदान किया गया था लेकिन सफाई पेशे से जुड़ी जाति का कोई भी बड़ा राजनेता न बन पाने के कारण इस उपेक्षित कौम को राजनैतिक संरक्षण नहीं मिल पाया। इस कारण इस उपेक्षित जाति के लोग आरक्षण के वास्तविक लाभ से वंचित हो गए हैं और अन्य अनुसूचित जातियों की अपेक्षा सफाई पेशे से संबंधित उपजातियां तरक्की न कर पाने के कारण समाज की मुख्य धारा से नहीं जुड़ सके हैं। पीएम से मांग किया कि वंचित अनुसूचित जाति की उपजातियों को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए आरक्षण कोटे में कोटा का निर्धारण कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को अमल करने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित किया जाए। इस मौके पर सूरज तिलक, सुरेश चंद्र, पप्पूराज सिमौरिया, हेमंत कुमार एडवोकेट, शंकरलाल, मोतीलाल, राजू, आशीष कुमार, गोरेलाल, देवनाथ धाकड़े, वीरेंद्र तिलक भी मौजूद रहे।
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