अल्माइजर को भूलने की बीमारी बताया, देखभाल की जरूरत
बांदा, के एस दुबे । विश्व अल्जाइमर दिवस पर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम ने वृद्ध आश्रम में एक उपचार और जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इसका उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने वृद्धो के हाथों दीप प्रज्वलन कर कराया गया। सीएमओ डा. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि वृद्ध हमारे समाज की आधारशिला है, उनसे ही हमारा व्यक्तित्व बनता है, साथ ही उन्होंने कहा कि अल्जाइमर रोगी को खुद की देखभाल में कठिनाई, खुद के शब्दों को बेमतलब दोहराना, खुद पर नियंत्रण में कमी, घूमते रहना और खो जाना, चिड़चिड़ापन, व्यक्तित्व में बदलाव, अत्याधिक व्याकुलता होती है । बचाव के लिए व्यायाम से याददाश्त से
वृद्धाश्रम में मौजूद वृद्धजन |
जुड़े मस्तिष्क के हिस्सों में रक्त प्रवाह बढ़ता है। व्यायाम से अवसाद और चिंता कम होती है और मूड बेहतर होता है। मनोरोग चिकित्सक डॉक्टर हरदयाल ने बताया कि घूमने की बीमारी अल्जाइमर रोग भूलने की बीमारी है। बात करने में दिक्कत किसी समस्या का हल न कर पाना। बचाव के लिए संतुलित आहार लेना चाहिए। योग व्यायाम करना चाहिए रुटीन चेकअप कराना चाहिए। डॉ. अर्चना भारती ने वृद्धों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि वृद्ध हमारे परिवार की नीव है उनकी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। अनुश्रवण और मूल्यांकन अधिकारी नरेन्द्र मिश्रा ने बताया कि अल्जाइमर रोग से बचाव के लिए योग व प्राणायाम करना चाहिए। सुबह उठकर दो किलोमीटर पैदल चलना चाहिए परिवार के साथ समय बिताना चाहिए। शिविर में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. रिजवाना
मंचासीन टीम के सदस्य |
हाशमी ने काउंसलिंग किया। डॉ. एसपी सिंह ने सामान्य मरीज को उपचारित किया, साइट्रिक नर्स त्रिभुवन नाथ ने निशुल्क दवा वितरित किया ऑडियोमेट्रिस्ट शिवसरन सिंह ने वृद्धों का कांच किया, जियाउद्दीन द्वारा वृद्धों का नेत्र परीक्षण किया गया। साथ ही फिजियोथैरेपिस्ट निशांत मौर्य हुआ योग शिक्षक नरेंद्र भूषण तिवारी ने योग की क्रियाएं बताई। शिविर में वृद्ध आश्रम के मैनेजर श्याम किशोर त्रिवेदी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी व सभी चिकित्सकों का धन्यवाद ज्ञाप किया। शिविर में एफएलसी अरविंद कुमार गुप्ता, लेखा लिपिक आनंद शर्मा आदि ने सहयोग किया।शिविर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा तौलिया, स्माइली बाल व फल वितरण किए गए।
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