प्रवर्तन निदेशालय से जांच की मांग
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। निखत अंसारी के जेल मिलनकांड में दिन-प्रतिदिन नये-नये खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि कलेक्ट्रेट में तैनात एक लिपिक/शराब माफिया, एक बैंक मैनेजर, शंकर बाजार का एक गुप्ता व जेल कैंटीन संचालक/भू-माफिया नवनीत सचान का एक ही गुट है। इन सभी का अंसारी परिवार से पुराना रिश्ता है। ये सभी लोग अल्पकालखंड में करोडों में कैसे खेलने लगे, ये खुद में एक बडा सवाल है।
अंसारी परिवार के लोगों से जुडे इस गुट का खुलासा सोमवार को खास सूत्रों ने किया है। बताया गया कि अल्पकालखंड में करोडों-अरबों की दौलत के ये लोग कैसे मालिक बन बैठे, इनकी आय के कौन से ऐसे स्त्रोत हैं, जिनसे पाइप फैक्टरी समेत करोडों की जमीन के देखते-देखते मालिक बन बैठे। इनमें सबसे प्रमुख कलेक्ट्रेट में तैनात एक लिपिक/शराब माफिया का नाम उभरकर सामने आता है। इस लिपिक की आमदनी क्या है और ये लिपिक देखते ही देखते अरबों की दौलत का स्वामी बन गया है। इसने बनवारीपुर रोड व गंगाजी रोड समेत कई स्थानों पर जमीनें खरीदने के साथ फैक्टरियां लगा रखी हैं। अब शंकर बाजार के एक गुप्ता की बारी आती है। ये कभी पंचर जोडने की दुकान करता था। अब ये फर्जी गुटखा फैक्टरी समेत रातों-रात जमीनों की खरीद-फरोख्त के कारोबार में लगकर करोड़ों की संपत्ति हासिल कर गेस्ट हाउस आदि बना लिया है।
इन सभी का आका एक बैंक मैनेजर है, जो खुद को सत्ता पक्ष के एक बडे नेता का रिश्तेदार बताने का दम्भ भरता है। नोटबन्दी के समय इसने कुछ स्वजातीय नेताओं के कालेधन को सफेद करने का बडे पैमाने पर काम किया है। अब बारी आती है जेल कैंटीन संचालक/भू-माफिया नवनीत सचान की। नवनीत ने भी जल्दी-जल्दी जिले में कई स्थानों पर जमीनों में करोडों रुपये निवेश किये हैं।चर्चा है कि इन सभी के ताल्लुक अंसारी बंधुओं से पहले से रहे हैं। जेल में बन्द माफिया डान मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो अंसारी के जेल मिलनकांड में पकडे जाने पर जिले के इन माफियाओं का खुलासा धीरे-धीरे जोर पकडने लगा है। इन सभी की सम्पत्तियों की प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराई जाये तो चौंकाने वाले खुलासे लोगों के सामने होंगे। पुलिस अधीक्षक श्रीमती वृन्दा शुक्ला से लोगों ने मांग की है कि इन्हें भी अपने रडार में लेकर जल्द छानबीन कर खुलासा किया जाये।


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