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Thursday, March 2, 2023

होलाष्टक 28 फरवरी से

हर साल होली के आठ की दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं. होलाष्टक में शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि करने की मनाही होती है, इस वर्ष  होलाष्टक 28 फरवरी से लग रहे हैं जो कि 7 मार्च तक रहेंगे। होलिका दहन के साथ होलाष्टक का समापन होता है। होलाष्टक की अवधि में नया कार्य शुरू करना, नए भवन की नींव रखने से बचना चाहिए, इस दौरान पूजा पाठ का अधिक महत्व है. 


इस वर्ष में 6 / 7 मार्च को होलिका दहन में दो  मत

पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन और उसके अगले दिन रंगोत्सव पूरे देश में उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। मान्यता है कि होलिका की आग बुराई को जलाने का प्रतीक है। इसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। इसके अगले दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में रंगवाली होली मनाई जाती है। इसे धुलण्डी भी कहा जाता है। भद्रा रहित प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि, होलिका दहन के लिये उत्तम मानी जाती है। होलिका दहन को लेकर इस वर्ष समय को लेकर दो मत प्रचलित रहने वाले हैं  भाग्योदय एवं अन्य पंचांग अनुसार साल 2023 में होलिका दहन 7 मार्च को होगा और फिर 8 मार्च को होली खेली जाएगी। ।फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 6 मार्च 2023 को शाम  4 बजकर 17 मिनट से प्रांरभ होगी और 7 मार्च  शाम 06 बजकर 09 मिनट पर समाप्‍त होगी। इस दौरान होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त 7 मार्च 2023 की शाम 6 बजकर 10 मिनट से रात 8 बजकर 37  मिनट तक  होलिका दहन के लिए शुभ है । वहीं रंगों की होली 8 मार्च को खेली जाएगी।

महावीर पंचांग अनुसार पूर्णिमा तिथि का मान 6  मार्च को दिन में 3: 57 से प्रारम्भ होगा और पूर्णिमा तिथि 7 मार्च शाम 5 :40 तक है  चूँकि होलिका दहन पूर्णिमा तिथि की रात में भद्रा के पश्चात  किया जाता है यदि भद्रा मध्य रात्रि तक व्याप्त हो तो ऐसी परिस्थिति में भद्रा पूँछ के दौरान होलिका दहन किया जा सकता है। इसलिए 6- 7 मार्च मध्य रात्रि को भद्रा पुच्छ  रात 12 :23   बजे से  लेकर रात 1 :35  के मध्य होलिका दहन का मुहूर्त बन रहा है  7  मार्च  स्नान दान की पूर्णिमा है 8 मार्च को रंगवाली होली है  


ज्योतिषाचार्य एस0एस0 नागपाल , स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ

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