ब्लड के सैंपल गर्मी की वजह से हो रहे हैं बर्बाद
सीटी स्कैन सेंटर का भी खराब पड़ा है एसी
बांदा, के एस दुबे । चित्रकूटधाम मंडल मुख्यालय के जिला अस्पताल की व्यवस्था दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। कहीं दवाओं का टोटा तो कहीं पैथालाजी विभाग के एसी खराब पड़े हैं। मरीजों के लिए गए ब्लड के सेंपल गर्मी में बर्बाद हो रहे हैं। इससे जांच करने में पैथालाजिस्ट को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मजबूर होकर मरीजों से दोबारा सेंपल लेना पड़ता है। कई बार जिम्मेदारों से एसी खराब होने के बारे में बताया गया लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
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| अस्पताल में लगी मरीजों की भीड़ |
जिला अस्पताल के पैथालाजी विभाग के ब्लड कलेक्शन विभाग में लगे दो एसी खराब पड़े हुए हैं। गर्मी में मरीजों के द्वारा लिए गए सेंपल ठंडा वातावरण न होने से बर्बाद हो जाते हैं। कभी-कभी जांच करने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ब्लड बर्बाद होने की समस्या काफी दिनों से चली आ रही है। जिम्मेदारों ने कई बार सीएमएस को बताया, लेकिन सीएमएस ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। वहीं रजिस्ट्रेशन काउंटर में भी एसी न लगा होने से कर्मचारियों को गर्मी में पसीने से तरबतर होना पड़ता है। मरीज के तीमारदार बताते हैं कि एक बार ब्लड देने के बाद गर्मी के कारण ब्लड बर्बाद हो जाता है। इससे जब जांच लेने आओ, तब दोबारा सेंपल देना पड़ता है। सब कुछ जानने के बावजूद जिम्मेदार इस ओर से आंखें फेरे हुए हैं। सीएमएस डा. एसएन मिश्र ने बताया कि पैथालाजी विभाग का एसी काफी पुराना है। वह खराब पड़ा है। जल्द ही बजट मंगवाकर नए एसी लगवाए जाने की व्यवस्था की जाएगी। जिला अस्पताल में निशुल्क सीटी स्कैन किए जाने की व्यवस्था है। प्राइवेट नर्सिंग होम के संचालक मरीजों से 2600 रुपए लेते हैं। इन दिनो जिला अस्पताल की सीटी स्कैन में लगा एसी खराब हो गया है। इससे दूरदराज से आए मरीजों का सीटी स्कैन नहीं हो पा रहा। सीटी स्कैन न होने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मरीज के तीमारदार बताते हैं कि जिला अस्पताल में निशुल्क सीटी स्कैन हो जाता था, अब बाहर से कराने पर प्राइवेट संचालक रुपया वसूल रहे हैं। वहीं सीएमएस डा. एसएन मिश्र का कहना है कि एसी खराब होने से मशीन गर्म हो जाती है। केवल इमरजेंसी केसों के सीटी स्कैन किए जा रहे हैं, जल्द ही एसी बनवाकर मशीन को चालू कराया जाएगा।

पैथालाजी में जांच करते टेक्नीशियन
मेडिकल स्टोर संचालक लिखवा रहे दवाइयां
बांदा। जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। इन दिनो डाक्टर मरीजों को बाहर की दवाइयां और कमर बेल्ट लिख रहे हैं। जबकि हड्डी रोग विभाग में बैठे डाक्टर की ड्यूटी टेलीमेडीशन में लगाई गई है। वहां न बैठकर कमाई के चक्कर में डाक्टर कमरा नंबर नौ में बैठकर मरीजों को बाहर की दवाएं लिखते हैं। इतना ही नहीं बगल में मेडिकल स्टोर संचालक बैठ जाते हैं और खुद ही अपने ब्रांड की दवाएं मरीजों को लिखकर पर्ची थमा देते हैं। मरीजों के तीमारदारों ने यह भी बताया कि सरकारी अस्पताल का एक्सरा कराने के लिए पर्ची लिखवाने जाओ तो डाक्टर पर्ची नहीं लिखते हैं। कहते हैं बाहर से एक्सरे करवाकर लाओ। वहीं कमरा नंबर एक में बैठे डाक्टर मरीजों को जमकर दवाएं लिख रहे हैं। इन्हें किसी प्रकार का खौफ नहीं है। सब कुछ जानने के बावजूद सीएमएस इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। तीमारदारों का कहना है कि डाक्टर मनमानी तौर पर बाहर की दवाइयां लिख रहे हैं। एक-एक डाक्टर डेढ़-डेढ़ हजार रुपए की दवाइयां बाहर से मंगवा रहे हैं।

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