अतर्रा तहसील सभागार में किया गया शिविर का आयोजन
बांदा, के एस दुबे । जिला जज कमलेश कच्छल के निर्देश पर बुधवार को महिलाओं के हित संरक्षण व उनके अधिकारों के संबंध में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। अतर्रा तहसील सभागार में आयोजित इस जागरूकता शिविर में महिलाओं के हित और उनके संरक्षण व उनके अधिकारों की जानकारी दी गई। अपर जिला जज अंजू कांबोज व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने दुष्कर्म और यौन यातनाओं के बारे में जागरूक किया। कहा कि जबरन यौन संबंध स्थापित करने पर धारा 376 के तहत न्यूनतम सात वर्ष व अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्राविधान है। क्रूरता के साथ बलात्कार कर हत्या करने पर मृत्युदंड का भी प्राविधान है। सिविल जज जूनियर डिवीजन राखी सिंह ने कहा कि कार्य स्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन शोषण से रोकथाम व पाक्सो एक्ट-2012 के संबंध में हा गया कि 18 वर्ष से कम आयु की किसी महिला के साथ बलात्कार होने पर आपराधिक कानून अधिनियम 2013 के तहत 10 वर्ष से बढ़ाकर 20 वर्ष तक की सजा और मृत्युदंड का
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| विधिक जागरूकता शिविर को संबोधित करतीं न्यायाधीश |
प्राविधान है। इस अधिनियम में कुछ नए प्राविधान भी शामिल किए गए हैं, जैसे बलपूर्वक किसी महिला के कपड़े उतरवाना, यौन संकेत देना, पीछा करना आदि हैं। राज्य महिला आयोग सदस्य प्रभा गुप्ता ने महिलाओं व बालिकाओं को आत्म सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के विषय में जानकारी प्रदान की। कहा कि महिला आयोग में ऐसी शिकायतें अत्यधिक मात्रा में होती हैं। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि वह अपने साथ हो रहे व्यवहार के विषय में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई करें, जिससे भविष्य में किसी बड़ी अनहोनी से बचा जा सके। उन्होंने बैंक सखी, उज्जवला योजना, मातृत्व एवं शिशु हित लाभ, शादी अनुदान आदि योजनाओं से भी अवगत कराया। एसडीएम अतर्रा नमन मेहता ने बताया कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन शोषण से संबंधित शिकायतों को दर्ज करने के लिए यौन उत्पीड़न इलेक्ट्रानिक बाक्स (शी-बाक्स) नामक एक आन लाइन शिकायत सिस्टम आरंभ किया गया। महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करना किसी भी डिजिटल समाज की प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए इंडिया कार्यक्रम को विजन साकार करने की दिशा में सरकार महिलाओं तथा महिला सशक्तीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने का काम कर रही है। यह कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए डिजिटल स्पेस का उपयोग करने का एक सराहनीय प्रयास है। वन स्टाप सेंटर रमा साहू ने बताया कि यदि किसी महिला के साथ कोई व्यभिचार, अश्लील ढंग से उनके कार्यस्थल अथवा घर पर किसी बाहरी अथवा घर के सदस्य द्वारा ऐसा व्यवहार किया जाता है तो उसे तुरंत संज्ञान में लेकर शिकायत दर्ज करानी चाहिए। इनके अलावा महिला पराविधिक स्वयं सेवक सुमन शुक्ला, रामचंद्र सिंह तहसीलदार अतर्रा, विधि प्रशिक्षु अविशी, रश्मि सिंह उप निरीक्षक महिला थाना, रामप्रकाश, तहसीलदार अतर्रा रामचंद्र ने भी संबोधित किया।

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