तंबाकू से बना रहता है भयावह बीमारियों का खतरा
बांदा, के एस दुबे । राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सभागार में उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमे जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे समस्त प्रशिक्षुओं को तंबाकू के सेवन व धूम्रपान से होने वाले कैंसर तथा अन्य कई गैर-संचारी बीमारियों तथा सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय एवं वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 (कोटपा-2003) के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने अवगत कराया कि तम्बाकू से होने वाले बीमारियों का खतरा भयावह है। तम्बाकू का हर वर्ग में बढ़ता हुआ उपयोग एक महत्वपूर्ण जन स्वास्थ्य समस्या बन गया है। भारत में प्रतिवर्ष करीब 10 लाख लोग तम्बाकू के उपयोग के कारण असमय मृत्यु का शिकार हो जाते है और 5500 नए युवा प्रतिदिन तम्बाकू का उपयोग प्रारंभ करते हैं। वर्तमान परिदृश्य में तम्बाकू एक ऐसी समस्या है, जिस पर चौतरफा दृष्टिकोण के साथ कार्य करने
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| कार्यशाला को संबोधित करते हुए अतिथि |
से ही सकारात्मक नतीजे प्राप्त हो सकते है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति पर तम्बाकू का जितना गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है, उतना ही प्रभाव उसके आस-पास रहने वाले लोगों पर भी पड़ता है। जिसमे बुजुर्ग, बच्चे व महिलाये शामिल हैं। तम्बाकू के उपयोग से कई घातक बीमारियां होती है, जिसमें हृदय रोग, वमन रोग तथा मुख का कैंसर प्रमुखता से हैं। जिसके लिए सभी सरकारी विभागों एवं गैर सरकारी संस्थानों को समाज आवश्यक जागरूकता फैलाने एवं तम्बाकू प्रयोग के रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती होगी। नोडल अधिकारी डा. बीएस केसरवानी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत जनपद में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय एवं वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 (कोटपा 2003) की धाराओं का क्रियान्वयन एवं अनुपालन कराया जाना है। इस दौरान सीएमओ अनिल कुमार श्रीवासतव, अरुण कुमार शुक्ल उप शिक्षा निदेशक/प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डा. वीएस केसरवानी, नोडल अधिकारी एनटीसीपी, रामवीर सिंह, एनटीसीपी डा. रवि कुमार चौरसिया प्रवक्ता, डा. अवध नारायण सिंह प्रवक्ता, डा. स्वाकर प्रवक्ता, नरेंद्र कुमार मिश्र अनुभवण एवं मूल्यांकन अधिकारी, एनएमएचपी अरविंद कुमार आदि मौजूद रहे।

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