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Wednesday, September 20, 2023

श्रीअन्न और प्राकृतिक खेती करें बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के किसान: मंत्री

रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में आयोजित हुआ श्री अन्नोत्सव

श्रीअन्न से किसानों की सुधरेगी दशा, लोगों की सेहत में होगा सुधार

बांदा, के एस दुबे । रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में बुधवार को श्री अन्न कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के किसानों को प्रोत्साहित किया गया। कहा गया कि श्रीअन्न उत्पादन से किसानों का मोहभंग हो गया था, लेकिन अब इसको अपनाने की जरूरत है, ताकि किसान खुशहाल और समृद्ध बन सके। मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है। किसानों की हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि श्री अन्न उत्पादन से किसानों की दशा के साथ ही लोगों की सेहत में भी सुधार होगा। विशिष्ट अतिथि के तौर पर कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख भी मौजूद रहे।

कार्यशाला को संबोधित करते कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही

कृषि मंत्री श्री शाही ने श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिए आयोजित कार्यशाला तथा श्रीअन्न के उत्पादों एवं प्राकृतिक खेती को बढाने के सम्बन्ध में आयोजित श्रीअन्नोत्सव एक्सपो का फीता काटकर शुभारम्भ किया एवं एक्सपो में लगाये गये स्टालों का गहनता से निरीक्षण किया। इसके पश्चात उन्होंने श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लोंगो में जनजागरूकता लाये जाने के लिए किसानों तथा श्रीअन्न के प्रचार-प्रसार हेेतु तैयार किये गये वाहनों सहित रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह जागरूकता रैली रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेेज से बांदा शहर के विभिन्न स्थानों से होते हुए विकास भवन में समाप्त हुई। कार्यशाला में हजारों की संख्या में विंध्य एवं बुन्देलखण्ड के विभिन्न जनपदों से आए हुए हजारों किसानों को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पिछले छः वर्षों में आयोजित विभिन्न कार्यशालाओं में आज जनपद में आयोजित कार्यशाला सबसे सफल एवं महत्वपूर्ण रही है, जिसमें कि श्रीअन्न के उत्पादों को बड़ी मात्रा में पैदावार बढाने तथा प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में और अधिक विस्तार किये जाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव कार्यशाला में प्राप्त हुए हैं, इन सुझावों को शामिल कर आगे कृषि की कार्ययोजना एवं व्यवस्था की जायेगी।

मंचासीन कृषि मंत्री, कृषि राज्यमंत्री व अपर मुख्य सचिव तथा अन्य

उन्होंने कहा कि भारत की अर्थ व्यवस्था में कृषि क्षेत्र कि लगभग 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता पर रखते हुए किसानों की समृद्धि लाने के लिए अनेकों कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में श्रीअन्न के उत्पादन को बढाने तथा प्राकृतिक खेती के लिए अनुकूल वातावरण सहित यहां की भूमि है। उन्होंने कहा कि भूगर्भ जल को बढाने के लिए तथा वर्षा के जल को संरक्षित करने के लिए चित्रकूट मण्डल में लगभग 14 हजार तथा झांसी मण्डल में 12 हजार खेत-तालाब बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि श्री अन्न व प्राकृतिक खेती में कम जल एवं खर्च की आवश्यकता होती है। उन्होेंने कहा कि देश व प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दलहन व तिलहन के उत्पादन को बढाना होगा। उन्होंने किसानों से आहवाहन किया कि आर्थिक सम्पन्नता के लिए वह अपने खेंतो को खाली न छोडें तथा श्रीअन्न, दलहन व तिलहन की खेती को आवश्यक रूप से करें। उन्होंने कहा कि किसान खेत पर मेड और मेड पर पेड़ अवश्य लगायें।

उन्होंने कहा कि कुसुम योजना के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 6551 सिंचाई के लिए सोलर पम्प लगाये गये हैं, इसके साथ ही आनेे वाले समय में प्रत्येक जिले में 250 सोलर पम्प और स्वीकृत किये जायेेंगे। फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों की फसलों के नुकशान का मुआबजा दिया जा रहा है तथा कम ब्याज दर पर केसीसी में किसानों को लोन की व्यवस्था भी की गयी है। उन्होंने कहा कि पशुधन ही प्राकृतिक खेती का आधार है, इसलिए सहभागिता योजना के अन्तर्गत एक गाय का पालन कर इस योजना में प्रतिमाह 1500 रूपये सरकार द्वारा दिये जाने का लाभ उठायें। उन्होंने बताया कि फार्म मशीनरी में भी अनुदान दिया जा रहा है तथा झांसी-बांदा मण्डल में बीज उत्पादन के लिए 08 करोड़ रूपये की धनराशि दृष्टि योजना के अन्तर्गत दी गयी है। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के लिए बीज उत्पादन करने का कार्य किसान एफपीओ के सहयोग से करें। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न में अनेकों पौष्टिक तत्व सम्मिलित होते हैं, इस महत्व एवं श्रीअन्न के उत्पादों का आगे आने वाले समय मेें मध्यम एवं उच्च वर्ग के लोंगो के द्वारा उपयोग किये जाने से श्रीअन्न की मांग एवं मार्केट में वृद्धि होगी, जिससे कि किसानों को अत्यधिक लाभ मिलेगा। अतः किसान भाई श्रीअन्न एवं प्राकृतिक खेती को अपनायें, जिसमें खर्च कम और अधिक लाभ प्राप्त होगा। कार्यक्रम में मंत्री ने विंध्य एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों बांदा से श्री निर्भय सिंह व प्रेम सिंह जालौन अरूण कुमार, झांसी से पुष्पेन्द्र एवं अपर्णा श्रीवास्तव तथा अन्य किसानों को शॉल व प्रमाण पत्र भेंटकर सम्मानित किया।

किसानों से बातचीत करते कृषि मंत्री, साथ में आयुक्त व जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल

कार्यशाला में कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पहले पानी के संसाधन कम होने के कारण मक्का, ज्वार, बाजरा, चना, अरहर आदि फसलों की खेती की जाती है किन्तु इन फसलों का उचित मूल्य न मिल पाने के कारण किसान गेंहू व धान तथा गन्ना आदि की खेती करने लगे, लेकिन अब प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के प्रयासों से श्रीअन्न की खेती के पुराने उत्पादों को बढावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं, क्योंकि श्रीअन्न में पौष्टिकता होती है और इन फसलों के उत्पाादन में रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग नही किया जाता है, इस कारण खर्च कम होता है और लाभ अधिक मिलता है इसलिए श्रीअन्न की खेती अपनाकर अपना एवं अपने परिवार का विकास करें। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई हेतु सोलर पम्प में 60 प्रतिशत अनुदान तथा उपकरण क्रय करने में भी अनुदान दिये जाने के साथ निःशुल्क बीज किट भी वितरित किये जा रहे हैं। सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान समय में लोंगो के भोजन में पौष्टिक आहार की कमी आ रही है, जिससे अनेक प्रकार की गम्भीर बीमारियां भी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें पुराना खान-पान श्रीअन्न को  अपनाने के लिए श्रीअन्न के उत्पादन एवं उसके उत्पादों को बढाना होेगा। उन्होंने कहा कि लगभग 65 करोड़ रूपये की धनराशि से संचालित की जाने वाली लिफ्ट कैनाल योजना से जनपद के अनेकों गॉवों को सिंचाई का लाभ प्राप्त होगा। आयुक्त आरपी सिंह ने कहा कि सबसे ज्यादा श्रीअन्न का उत्पादन बुन्देलखण्ड क्षेत्र में किया जा सकता है। उन्होंने ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो की बुन्देलखण्ड क्षेत्र में खेती किये जाने पर कहा कि मोटे अनाज का अधिक से अधिक प्रयोग कर स्वस्थ्य रहा जा सकता है, क्योंकि इसमें फाइबर, कैल्शियम, फोलिकऐसिड आदि पोषक तत्व पाये जाते हैं। उन्होंने बताया कि श्रीअन्न के उत्पादों की खरीद के लिए 19 क्रय केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि श्रीअन्न एवं प्राकृतिक खेती को बढाने के लिए जनपद में प्रयास निरन्तर किये जा रहे हैं। उन्होंने किसानों से आहवाहन किया कि अधिक से अधिक किसान संगठित होकर श्रीअन्न एवं प्राकृतिक खेती को अपनायें, जिससे उनकी आमदनी मेें भी वृद्धि होगी। उन्होंने समस्त अतिथियों एवं गोष्ठी में प्रतिभाग करने वाले कृषि वैज्ञानिकों एवं प्रगतिशील किसानों का आभार व्यक्त किया।

कार्यशाला में जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल, एमएलसी जितेन्द्र सिंह सेंगर, पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय तथा कृषि वैज्ञानिक डा. नरेन्द्र सिंह, डा. आनन्द सिंह, डा. कमालुद्दीन, डा. जीएस पवार ने अपने विचार व्यक्त किए। राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रभा गुप्ता, मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौय, पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष संजय सिंह सहित संयुक्त निदेशक कृषि, कृषि वैज्ञानिकगण तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संजीव बघेल एवं अर्चना भारती द्वारा किया गया।

श्रीअन्न और प्राकृतिक खेती महत्वपूर्ण: चतुर्वेदी

बांदा। अपर मुख्य सचिव कृषि देेवेश चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीअन्न एवं प्राकृतिक खेती महत्वपूर्ण है तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र इसके लिए उपयोगी है। औषधीय फसलों का हब बुन्देलखण्ड क्षेत्र हो सकता है। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न सुपर फूड है, जिसमें पौष्टिक तत्व अधिक हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में कुपोषण को समाप्त करने एवं गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य के लिए श्रीअन्न बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के मिड-डे-मील एवं आंगनबाडी में भी श्री अन्न के पौष्टिक आहार का वितरण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न का उत्पादन करनेे वाले एफपीओ से एमओयू बीज उत्पादन हेतु किया जायेगा। सरकार द्वारा बीज उत्पादन को बढाने का निर्णय लिया गया है, किसान बीज उत्पादन के कार्य में बढोत्तरी करेें।


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