कानपुर, संवाददाता। स्मृतिशेष राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी की पावन स्मृति में आयोजित काव्योत्सव एवम सम्मान समारोह गंगापुर कॉलोनी यशोदा नगर में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि अशोक शास्त्री ने व संचालन कवि राजेश सिंह ने किया।काव्योत्सव का शुभारंभ कवि राजेन्द्र अवस्थी की सरस्वती वंदना से हुआ। कवि संजीव मिश्र ने अपनी रचना पहले तो ऐसे ही होते थे सबके बाबू जी प्रस्तुत की। ओज के चर्चित कवि लाल सिंह "लाल" ने अपनी ओजस्वी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। वरिष्ठ कवि अशोक शास्त्री ने अपनी रचना से फिर पुकारा किसी ने मुझे गांव से लौट आया शहर मै थके पांव से पढ़ कर वाहवाही लूटी कवि राजेन्द्र अवस्थी ने अपनी रचना
परिंदे उड़ि जैंइहय परदेश
जैसन पंख तनक उगि अइहैं न सुनिहैं उपदेश
परिंदे उड़ि जैंइहय परदेश
पढ़ कर तालिया बटोरी। कवि डॉ. प्रदीप त्रिपाठी ने अपनी रचना अरे डाकिया गलत पता है जाना किसके घर, लगता भूल गए घर देहरी भूले नहीं डगर पढ़ कर श्रोताओं की सराहना पाई। चर्चित गजलकार अजय मदहोश ने अपनी पंक्तियां *कई सांपों से अपनी दोस्ती है कभी मैं फितरतन संदल रहा हूं प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया।इस अवसर पर कवयित्री ममता सिंह राठौर ने भी होली पर अपनी रचना प्रस्तुत की। काव्य गोष्ठी में श्रीमती ज्योति त्रिपाठी,विदुषी त्रिपाठी, प्रज्ञांश त्रिपाठी एवम गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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