Pages

Wednesday, May 29, 2024

सुदामा चरित्र की कथा सुनकर छलक पड़े आंसू

हरिहरधाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का सातवां दिन

परीक्षित मोक्ष की कथा का भी कथावाचक ने किया बखान

तिंदवारी, के एस दुबे । तिंदवारी ब्लाक के ग्राम छापर तथा जौहरपुर के मध्य स्थित श्री हरिहर धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास आचार्य गोपाल मिश्र ने सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष आदि प्रसंगों का व्याख्यान करते हुए श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कथावाचक ने कहा कि सुदामा जितेंद्रिय और भगवान कृष्ण के परम मित्र थे। भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। गरीबी के बावजूद भी हमेशा भगवान के ध्यान में मग्न रहते। पत्नी सुशीला सुदामा से बार-बार आग्रह करती कि आपके मित्र तो द्वारकाधीश हैं, उनसे जाकर मिलो। शायद वह हमारी मदद कर दें। सुदामा पत्नी के कहने पर द्वारका पहुंचते हैं और जब द्वारपाल

सुदामा चरित्र की कथा का बखान करते आचार्य गोपाल मिश्र

भगवान कृष्ण को बताते हैं कि सुदामा नाम का ब्राम्हण आया है, यह सुनते ही श्रीकृष्ण नंगे पैर दौङ़कर आते हैं और अपने मित्र को गले से लगा लेते हैं। उनकी दीन दशा देखकर कृष्ण के आंखों से अश्रुओं की धारा प्रवाहित होने लगती है। सिंघासन पर बैठाकर कृष्ण सुदामा के चरण धोते हैं। सभी पटरानियां सुदामा से आशीर्वाद लेती हैं। सुदामा विदा लेकर अपने स्थान लौटते हैं तो भगवान कृष्ण की कृपा से अपने यहां महल बना पाते हैं। लेकिन सुदामा अपनी फूंस की बनी कुटिया में रहकर भगवान का सुमिरन करते हैं। अगले प्रसंग में सुकदेव ने राजा परीक्षित को सात दिन तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाई जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल गया। तक्षक नाग आता है और
मौजूद श्रोतागण

राजा परीक्षित को डस लेता है। राजा परीक्षित कथा श्रवण करने के कारण भगवान के परमधाम को पहुंचते हैं। इसी के साथ कथा का विराम हो गया। आश्रम के महन्त नागा हरिहर भारती महाराज ने बताया कि गुरुवार को हवन यज्ञ और भंडारे का आयोजन होगा। इस अवसर परसत्यानंद भारती, श्रीचंद्र भारती, कैलाश भारती,मौनी बाबा, खुशीराम पार्षद दिल्ली, किसान संघ अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह पटेल, सिघौली प्रधान अरूण कुमार शुक्ला,छापर प्रधान जौहरिया प्रजापति,महानारायन शुक्ला, मलखान सिंह, सुखवीर सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


No comments:

Post a Comment