देवेश प्रताप सिंह राठौर
उत्तर प्रदेश झांसी भारतीय ज्ञान परंपरा और हिंदी पर त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी होगा आयोजन
देशभर के 350 से अधिक हिंदी के विद्वान होंगे एक मंच पर, हिंदी के विकास पर होगी चर्चा
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के गांव, चिरगांव और केशव भवन का भ्रमण करेंगे देश भर के साहित्यकार
पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे द्वारा रचित नाटक "कहत रायप्रवीण" का समन्वय रंगमंडल, प्रयागराज द्वारा होगा मंचन
झाँसी - भारतीय हिंदी परिषद, प्रयागराज एवं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय हिंदी परिषद का 47वां अधिवेशन एवं भारतीय ज्ञान परंपरा और हिंदी विषयक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में होना सुनिश्चित हुआ है. यह त्रिदिवसीय कार्यक्रम 29,30 नवंबर और 1 दिसंबर को आयोजित होगा. अधिवेशन का उद्घाटन श्री हृदयनारायण दीक्षित, पूर्व अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश विधानसभा के मुख्य आतिथ्य और प्रो. मुकेश पाण्डेय, माननीय कुलपति, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के विशिष्ट आतिथ्य में होगा। अधिवेशन की अध्यक्षता भारतीय हिंदी परिषद, प्रयागराज के अध्यक्ष प्रो. पवन अग्रवाल करेंगे. अधिवेशन में हिंदी भाषा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित भी किया जाएगा.
भारतीय हिंदी परिषद अधिवेशन में सम्मानित होने वाले व्यक्तियों की सूची निम्नवत है:
- डॉ.धीरेंद्र वर्मा सम्मान - प्रो.सूर्यप्रसाद दीक्षित, लखनऊ, उत्तरप्रदेश
- आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी सम्मान - प्रो.श्रीराम परिहार, हरदा, मध्यप्रदेश
- प्रो.देवेंद्रनाथ शर्मा सम्मान - प्रो.महेश दिवाकर, मुरादाबाद, उत्तरप्रदेश
- प्रो. कल्याणमल लोढ़ा सम्मान - प्रो.प्रेमशंकर त्रिपाठी,कलकत्ता,पश्चिम बंगाल
- प्रो.रामकुमार वर्मा सम्मान - प्रो. ए.अच्युतन, कालीकट, केरल
- आचार्य नंददुलारे बाजपेयी सम्मान - प्रो.सदानंद गुप्त, गोरखपुर, उत्तरप्रदेश
- प्रो.मालिक मोहम्मद सम्मान - प्रो. एन.जी.देवकी, कोच्चि
- प्रो.रमेश कुमार शर्मा सम्मान – प्रो.परमेश्वरी शर्मा, जम्मू
- डॉ.हरिमोहन सम्मान - प्रो.बालेंदु दधीचि, नई दिल्ली
इनके साथ ही डॉ रवींद्र शुक्ला, साहित्यकार एवं पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री, उ.प्र. शासन, डॉ हरगोविंद कुशवाहा, राज्यमंत्री एवं उपाध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान, उ.प्र. शासन, श्री राजा बुंदेला, फिल्म अभिनेता और निर्देशक, पंडित दीपेन्द्र अरजरिया, प्रख्यात गणितज्ञ एवं ज्योतिर्विद् को भी सम्मानित किया जाएगा. अधिवेशन और संगोष्ठी में देशभर के 350 से अधिक हिंदी के विद्वान प्रतिभाग करेंगे. अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारतीय ज्ञान परंपरा और हिंदी विषय पर चर्चा की जाएगी. कुल 13 सत्रों में भारतीय ज्ञान परंपरा में हिंदी विषय पर व्यापक चर्चा की जाएगी. संगोष्ठी के दौरान हिंदी संसद भी आयोजित की जाएगी. हिन्दी संसद में हिन्दी पाठ्यक्रम संवर्धन, हिन्दी शोध उन्नयन और क्षेत्रीय भाषाओं एवं बोलियों का संवर्धन पर चर्चा की जाएगी. इसमें प्रो. मुकेश कुमार पाण्डेय, कुलपति, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी, प्रो. सुरेंद्र दुबे, पूर्व कुलपति, बुंदेलखंड और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, झांसी, प्रो. कृष्ण कुमार सिंह, महा.गां.अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, प्रो. सत्यकाम, उत्तरप्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज, प्रो. चक्रधर त्रिपाठी, ओड़ीशा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, ओड़ीशा, प्रो. शिशिर पांडे, जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट शामिल होंगे.
संगोष्ठी के दुसरे दिन हिन्दी विभागाध्यक्ष सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसमें देश भर के 21 विश्वविद्यालयों के विभागाध्यक्ष अपने विचार साँझा करेंगे एवं हिन्दी के विकास की एक संयुक्त रुपरेखा पर चर्चा करेंगे. इसमें प्रो. अवधेश कुमार, अध्यक्ष,हिन्दी विभाग, महा.गां.अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, प्रो. नवीन चंद्र लोहनी, अध्यक्ष,हिन्दी विभाग, मेरठ विश्वविद्यालय, प्रो. लालसा यादव, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, इलाहबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय, प्रयागराज, प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, मुंबई विद्यापीठ, मुंबई, प्रो. भारतभूषण, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय, जम्मू, प्रो. सुशील कुमार शर्मा, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, मिजोरम केन्द्रीय विश्वविद्यालय, आइजोल, मिजोरम, प्रो. सत्यकेतु, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, बी.बी. अम्बेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली, प्रो. अशोक सब्बरवाल, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, प्रो. रजनीबाला, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग,जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू, शैलेन्द्र कुमार शर्मा, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, डॉ. सत्येन्द्र कुमार दुबे, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, सिद्धार्थनगर, प्रो. रामपाल गंगवार, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, बी.बी. अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ, प्रो. ललित कुमार सिंह, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट, सतना, प्रो. सर्वेश कुमार सिंह, पूर्व अध्यक्ष, हिन्दी विभाग,बी.बी. अम्बेडकर विश्वविद्यालय,लखनऊ, प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, हरसिंह गौड़ विश्वविद्यालय, सागर,म.प्र., प्रो. बहादुर सिंह परमार, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग,महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय, छत्तरपुर, म.प्र., प्रो. जयशंकर बाबू, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, गोवा विश्वविद्यालय, गोवा, प्रो. वृषाली मान्दरेकर, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, पांडिचेरी, प्रो. मृदुल जोशी, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, कुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार, प्रो. सदानंद भोंसले, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, पुणे, प्रो. भारती गोरे, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, बी.बी. अम्बेडकर विश्वविद्यालय, संभाजीनगर शामिल होंगे.
भारतीय हिंदी परिषद के सभापति प्रो।पवन अग्रवाल ने बताया कि अधिवेशन के द्वितीय दिवस पर भारतीय हिंदी परिषद, प्रयागराज के आजीवन सदस्यों की आम सभा का आयोजन मध्य प्रदेश के ओरछा स्थित केशव भवन में किया जाएगा. संगोष्ठी के तीसरे दिन "साहित्यकार के आंगन में" कार्यक्रम के अंतर्गत साहित्यकारों को राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के गांव, चिरगांव का भ्रमण कराया जायेगा. अधिवेशन और संगोष्ठी के दौरान बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे द्वारा रचित नाटक कट राय प्रवीण का मंचन किया जाएगा.
अधिवेशन और संगोष्ठी के संयोजक प्रोफेसर मुन्ना तिवारी ने बताया कि मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी विभाग, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी (उत्तर प्रदेश) हिन्दी भाषा के प्रोन्नयन हेतु निरंतर प्रयासरत रहा है. हिन्दी भाषा के विविध आयामों पर विचार गोष्ठी, संगोष्ठी, सम्मलेन, सम्मिलन के माध्यम से बुन्देलखण्ड क्षेत्र में देश के हिन्दी के दिग्गज विद्वानों को आमंत्रित करना एवं विचार मंथन का कार्य किया जाता रहा है. इसी के अंतर्गत यह तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी भारतीय ज्ञान परम्परा और हिन्दी का आयोजन किया जा रहा है. यह पहला अवसर होगा जब बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में देशभर के हिंदी के विद्वान एक मंच पर होंगे और हिंदी के विकास के लिए योजना बनाएंगे. पत्रकार वार्ता में डॉ. बलजीत श्रीवास्तव, प्रचार मंत्री, भारतीय हिंदी परिषद, डॉ. अचला पांडेय, डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी, डॉ. बिपिन प्रसाद मौजूद रहे।

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