मनरेगा में काम की कमी
मानिकपुर/चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । मानिकपुर क्षेत्र में पलायन एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। पिछले कुछ महीनों में जिले के सैकड़ों लोग रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर रुख कर चुके हैं। मानिकपुर रेलवे जंक्शन के प्लेटफार्म पर बैठे यात्रियों ने बताया कि जिले में बेरोजगारी के चलते लोग अपने घर-परिवार को छोड़कर अन्य राज्यों की ओर पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं। शनिवार को ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा के तहत काम नहीं मिल पा रहा है, जो पहले ग्रामीण इलाकों में रोजगार का प्रमुख स्रोत था। मनरेगा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने को शुरू किया गया था, अब अपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। अधिकांश ग्रामीण इस
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| शहर जाने को प्लेटफार्म पर बैठे लोग। |
योजना का हिस्सा बनकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे, लेकिन अब काम की कमी के चलते उन्हें अन्य राज्यों में जाकर श्रम कार्य करना पड़ रहा है। मानिकपुर रेलवे जंक्शन पर बैठे यात्री सरोज देवी ने कहा कि मेरे पास कोई विकल्प नहीं था, मुझे अपने बच्चों व परिवार को छोड़कर मुंबई जाना पड़ रहा है। क्योंकि यहां कोई काम नहीं मिल रहा है। मनरेगा में जो काम मिलता है, वह भी अब बहुत कम हो गया है। बाल गोविंद, संतोष व लवकुश ने अपनी समस्या साझा की। घर-परिवार को छोड़कर जाना बहुत दुखद होता है, लेकिन पेट भरने को कोई और रास्ता नहीं है। फैक्ट्री व उद्योगों की स्थापना से पलायन रुकेगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास होगा।

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