चित्रकूट ब्यूरो, सुखेन्द्र अग्रहरि : जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर मंगलवार को समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसका शुभारम्भ जीवन पर्यंत कुलाधिपति जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महराज ने माता सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने विश्व दिव्यांग दिवस समारोह में कहा कि पूरे विश्व में सबसे पहले उन्होंने दिव्यांग छात्रों के लिए एशिया की प्रथम विश्वविद्यालय की स्थापना 26 जुलाई 2006 में की थी। उन्होंने दिव्यांग छात्रों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए यह संकल्प लिया था। कहा कि सभी दिव्यांग जन उच्च शिक्षा प्राप्त कर समाज में के विभिन क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाएं। इस विश्वविधालय के राज्य विश्वविद्यालय होने पर सभी विद्यार्थियों को उच्च
शैक्षणिक गतिविधियां जल्द ही मिलेगी। उन्होंने कुलपति को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द विश्वविद्यालय में जिन आधुनिक पाठयक्रमों का संचालन नहीं हो रहा है, उन समस्त पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाएं। साथ ही इसके अंतर्गत आने वाले छात्रों को अच्छी शिक्षा और संस्कार भी दिए जाएं। कार्यक्रम में कुलपति प्रो शिशिर कुमार पाण्डेय, अवधेश प्रताप सिंह, रीवा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजकुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम संचालन डॉ गोपाल मिश्र ने किया। इस अवसर विश्वविद्यालय के समस्त कुलसचिव मधुरेंद्र कुमार पर्वत, प्राध्यापक, कर्मचारी सहित विद्यार्थी आदि मौजूद रहे। इसके बाद कुलाधिपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य महराज ने राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा संयोजित आनंद मेले का भी उद्घाटन किया।
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