चित्रकूट ब्यूरो, सुखेन्द्र अग्रहरि : राम वन पथ गमन के लिए जमीन लेने से प्रभावित हो रहे कौडर गांव और पहाड़ी गांव में चौपाल लगाकर किसानों की समस्याएं सुनी गई। इस दौरान कौडर गांव के लोगों ने चकबंदी न कराने की गुहार लगाई। अपर जिलाधिकारी न्यायिक व उप संचालक चकबंदी राजेश प्रसाद ने गुरुवार को सदर तहसील के कौडर और पहाड़ी बुजुर्ग में चौपाल लगाकर किसानों की चकबंदी सम्बन्धी समस्याएं सुनीं। उन्होंने कहा कि चकबंदी किसान हित के उद्देश्य से की जाती है। जिससे अलग-अलग टुकड़ों में बंटी किसानों की जमीनों को एक स्थान पर दिया जा सके। साथ ही अवैध कब्जों से जमीन को मुक्त कराया जा सके। इस दौरान गांव के किसान रमाशंकर पाण्डेय, रमेश रैकवार, विश्वनाथ, शिवसागर आदि ने बताया कि कौडर गांव की जमीन डिफेंस कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित की जा चुकी है। इसके अलावा राम वन पथ गमन मार्ग के निर्माण के लिए भी जमीन का अधिग्रहण किया गया है। ऐसे में इन दोनों परियोजनाओं में गांव की पूरी जमीन में से तीन चौथाई भाग अधिग्रहित कर लिया गया है और अब एक चौथाई भाग ही किसानों के पास बचा है। ऐसे में परिवार के पालन-पोषण के लिए
किसानों को खेती के लिए इस जमीन को चकबंदी से मुक्त कर दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार पहाड़ी बुजुर्ग के किसानों ने भी बताया कि लगभग 30 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण में जा चुकी है। इस पर अपर जिलाधिकारी ने शेष बची जमीन पर चकबंदी प्रक्रिया को अमल में लाने पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कौडर गांव के मामले में किसानों को बताया कि चकबंदी अधिनियम की धारा 6(1) के अंतर्गत कार्यवाही के लिए चकबंदी आयुक्त को सूचित किया जाएगा। साथ ही जिलाधिकारी शिवशरणप्पा को भी वह अपनी रिपोर्ट देंगे। गौरतलब है कि बीते बुधवार को कौडर गांव के दर्जनों किसानों ने जिला मुख्यालय आकर प्रदर्शन किया था। साथ ही गांव में चकबंदी प्रक्रिया रोकने की मांग की थी। जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर गुरुवार को अपर जिलाधिकारी न्यायिक व उप संचालक चकबंदी राजेश प्रसाद ने गांव में चौपाल लगाई।
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