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Sunday, January 19, 2025

चित्रकूट में जन्म लेने के लिए देवता भी रहते है आतुर- माधवी

चित्रकूट ब्यूरो, सुखेन्द्र अग्रहरि  : जिला मुख्यालय के शंकर बाजार स्थित गुप्ता मैरिज हाल में चल रही श्रीराम कथा के चौथे दिन रविवार को कथा व्यास माधवी ने चित्रकूट की महिमा का बखान किया। उन्होंने कहा कि जहां त्रिदेव बालक बनकर रहे, जहां नर से नारायण और हरि से हर का मिलन हुआ, जहां प्रभु श्रीराम ने माता जानकी समेत वनवास के 12 वर्ष से अधिक का समय व्यतीत किया, ऐसे चित्रकूट का कण-कण पावन और पवित्र है। चौथे दिन की श्रीराम कथा में कथा व्यास माधवी ने कहा कि चित्रकूट वह भूमि है, जहां देवतागण भी जन्म लेने को आतुर रहते हैं। प्रयाग भी जब पापों से कलुषित हो जाते हैं, तो देवगंगा मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाने धर्मनगरी आते हैं। यहां भाई-भाई के प्रेम का अद्भुत उदाहरण भरत मिलाप आज भी साक्षी है। समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले कामतानाथ यहां विराजमान हैं। यह भूमि ऋषि मुनियों की अनादिकाल से तपस्थली है। आज भी गुफाओं कन्दराओं में


यहां श्रीराम नाम गूँज रहा है। कहा कि कथा सुनने से व्यथा का निवारण होता है और जीवन जीने की कला भी हमें कथा ही सिखाती है। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में सत्कर्म करते रहना चाहिए। मनुष्य जीवन बड़े ही यत्न से मिलता है, इस जीवन की सार्थकता तभी है जब हम उसे सत्कर्म में लगाएं। कथा प्रसंगों के बीच में होने वाले भक्तिपूर्ण भजनों ने श्रोताओं को झूमने-नाचने पर विवश कर दिया। कथा में आचार्य नवलेश दीक्षित, महंत दिव्यजीवनदास समेंत तीर्थनगरी के संतों ने कथा का रसपान किया। कथा के विश्राम पर आरती कर श्रोताओं को प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर पायनियर्स क्लब के केशव शिवहरे, बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह, दीनदयाल पहारिया, शिवदयाल पहारिया, पिक्कू जायसवाल आदि मौजूद रहे।


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