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Thursday, January 30, 2025

डिजिटल ऐप के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य का आंकलन विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन

कानपुर, प्रदीप शर्मा - छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय परिसर में स्कूल आफ आर्ट्स ह्यूमेनिटीज एण्ड सोशल साइंसेस के सतत् शिक्षा एवं प्रसार विभाग में गुरुवार को सेन्टर का वेलबीइंग का उद्घाटन एवं डिजिटल ऐप के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य का आंकलन विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक क्रिया-कलापों के कारण मानसिक बीमारियों की संभावना कम होती है जबकि शहरी क्षेत्रों में मानसिक बीमारियों की संभावना ज्यादा होती है, जिसका कारण है पश्चिमी संस्कृति को अपनाना। 


उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए कुछ बिंदुओं जैसे शारीरिक व्यायाम, मेडीटेशन, इलेक्ट्रानिक उपकरणों का न्यूनतम उपयोग एवं समाजीकरण के बारे में बताया। विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो.सुधीर कुमार अवस्थी ने कार्यशाला के महत्व को समझाते हुए कहा कि बच्चे अपने मन की समस्याओं को अपने परिवार, शिक्षकों एवं दोस्तों को साझा नहीं करते, जिस कारण वह मानसिक बीमारियों का शिकार बन जाते हैं। कार्यशाला के मुख्य वक्ता मनोचिकित्सक एवं , इमेरिटस, वेस्टर्न यूनिवर्सिटी, कनाडा के प्रोफेसर डॉ.अमरेश श्रीवास्तव  ने बताया कि शोध में यह पता चला है कि भारतीय विश्वविद्यालयों में 10 प्रतिशत विद्यार्थी आत्महत्या के विचार रखते हैं। वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार एक गर्भवती महिला अगर किसी भी प्रकार की शारीरिक प्रताड़ना एवं भेद-भाव के कारण मानसिक बीमारी की शिकार होती है तो उसका प्रभाव उसके होने वाले बच्चे की मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। उन्होंने कार्यशाला के दौरान कुछ आंकड़ों के बारे में बताया कि 20 फीसदी छात्र मानसिक विकार से ग्रस्त होते हैं, 30 फीसदी छात्र भावनात्मक संकट, शैक्षणिक दबाव, रिश्तों की समस्याओं और आर्थिक तनाव से जूझते हैं,10 फीसदी छात्र आत्महत्या के विचारों से ग्रस्त होते हैं। विश्वविद्यालय के फैकल्टी आफ एडवांस्ड स्टडीज इन सोशल साइंस के डीन प्रो.संदीप कुमार सिंह ने बताया कि  वेल बीइंग सेंटर में विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में अवसाद, चिंता, आवेग और आत्महत्या की प्रवृत्ति जैसे-मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दों की बढ़ती चिंताओं व मानसिक स्वास्थ्य के लिए निःशुल्क परामर्श दिया जायेगा। स्टूडेंट काउंसिल मेम्बर अरशद नफीस ने छात्रों के जीवन में इस कार्यशाला के महत्व को समझाया। कार्यक्रम में स्कूल आफ आर्ट्स, ह्यूमेनिटीज एण्ड सोशल साइंसेज से डॉ.अनीता अवस्थी, डॉ.रश्मि गोरे, डॉ.पूजा सिंह, डॉ.अंशू सिंह, डॉ.शरद दीक्षित, डॉ.अजय प्रताप सिंह, डॉ .सत्य प्रकाश, डॉ.उर्वशी, डॉ.नियति, डॉ.पुष्पा ममोरिया, डॉ.मूयरी, डॉ.मानस उपाध्याय आदि लोग मौजूद रहे।

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