राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर उठाई मांगे
खागा, फतेहपुर, मो. शमशाद । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सिपाहियों ने केंद्रीय बजट की कमियों को उजागर करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय आवाहन पर प्रदर्शन कर आठ सूत्रीय ज्ञापन उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा। ज्ञापन में केंद्रीय बजट 2025-26 को लोगों की तात्कालिक व बुनियादी जरूरत के साथ विश्वासघात करार दिया। कम्युनिस्टों का कहना रहा कि केंद्रीय बजट निजीकरण को बढ़ावा देने वाला बजट है। केंद्रीय बजट में बेरोजगारी के मुद्दे को नजरंदाज किया गया है। मांग की गई कि बेरोजगारी दूर करने के सुचारू रूप से उपाय सुनिश्चित किए जाएं। मनरेगा के बजट को मांग के अनुसार बढ़ाया जाए। शहरी रोजगार गारंटी एक्ट लागू किया
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तहसील प्रांगण में प्रदर्शन करते भाकपा के पदाधिकारी। |
जाए। कृषि उपज के समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए। कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति रूपरेखा का मसौदा वापस लिया जाए। निजीकरण पर रोक लगाई जाए। बीमा क्षेत्र में हंड्रेड परसेंट एफडीआई वापस ली जाए। सामाजिक सुरक्षा हेतु चल रही योजनाओं की धनराशि बढ़ाई जाए। स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभागों का बजट का 6 प्रतिशत दिया जाए। हस्तांतरण और केंद्रीय योजनाओं की निधियां में पर्याप्त बढ़ोतरी की मांग सहित अन्य जुनून मुखी योजनाओं को लागू करने की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में फूलचंद पाल, राम प्रकाश, सुमन सिंह चौहान, मोतीलाल एडवोकेट, मोतीलाल प्रजापति, रामचंद्र, जगन्नाथ, पूरनलाल, मूलचंद, रामावतार सिंह, विनोद कुमार एडवोकेट, संगीता सिंह एडवोकेट, नेम सिंह एडवोकेट, राम सुमेर सिंह एडवोकेट, कमला देवी, शोभा देवी, ज्ञानमती, मिठाई लाल आदि भाकपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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