कानपुर, प्रदीप शर्मा - चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय में गुरुवार से कृषि वैज्ञानिकों का 27 से 28 फरवरी तक दो दिवसीय दक्षता प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। यह कार्यक्रम कृषि में आने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए था। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर डॉ. सिंह ने कृषि वैज्ञानिकों से किसानों को कृषि विविधिकरण के लिए प्रेरित करने और उन्हें नई तकनीक देने के साथ ही शोध संस्थानों से समन्वय बनाकर किसानो को कृषि विविधिकरण के लिए प्रेरित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मसाले व उद्यानकीकरण से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि
आईसीएआर अटारी कानपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक अपने जनपदों की आवश्यकता, परिस्थितियां तथा संसाधनों के आधार पर कृषि तकनीक को खेती में प्रयोग करें। आईसीएआर अटारी की वैज्ञानिक डॉ. सीमा यादव ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक किसानों को संतुलित इनपुट प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें जिससे कि टिकाऊ खेती हो सकें। उन्होंने पशुधन की नई नस्ल व फसल प्रणाली में बदलाव को जरूरी बताया। निदेशक प्रसार डॉ. आर.के.यादव ने सभी अतिथियों को अंग वस्त्र व पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक शोध संस्थानों व किसानों के मध्य ब्रिज की तरीके से कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. वी.के.कन्नौजिया ने किया। कार्यक्रम मे कृषि तकनीकियों के बारे में वैज्ञानिकों को बताया। इस अवसर पर डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, डॉ. एस.एल.वर्मा सहित सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक मौजूद रहे।
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