हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक उर्स
बांदा, के एस दुबे । हर साल की तरह इस साल भी बसंत पंचमी के दिन मिस्कीन शाह वारसी की दरगाह में उर्स का आयोजन किया गया उर्स के मौके पर दरगाह परिसर श्रद्धालुओं से खचा खच भरा रहा इस उर्स में हिन्दू मुस्लिम दोनों ही धर्म के मानने वाले दरगाह में माथा टेकने पहुंचे। दरगाह परिसर में सुबह से ही लोग इकट्ठे होना शुरू हो गए धीरे धीरे पूरा परिसर श्रद्धालुओं से भर गया परिसर के बाहर तमाम दुकानदारों ने प्रसाद आदि की दुकान लगाई, तरह तरह के झूले लगे दिन भर दरगाह में मेला लगा रहा। पूरा दिन दरगाह में चादर चढ़ाने फातेहा पढ़ने और मन्नतें मांगने का
मिस्कीन शाह वारसी उर्स में मौजूद अकीदतमंद। |
सिलसिला जारी रहा। दरगाह के मुजावर अजमल शाह वारसी उर्फ मुन्ना बाबा ने। बताया कि दरगाह में उर्स के मौके पर देश भर से श्रद्धालु आते हैं इस दरगाह में सभी धर्मों की भावनाओ को ध्यान में रखते हुए कमेटी की तरफ से शाकाहारी भंडारे का आयोजन होता है। इस आयोजन में तमाम वारसी सिलसिले के मानने वालों के साथ साथ विशेष रूप से वारसीय एहराम पोश तग़य्युर शाह वारसी, बे नजीर शाह वारसी,फरीद शाह वारसी, कम्बर शाह वारसी, जलाल शाह वारसी, अजमल। शाह वारसी, इकबाल शाह वारसी, इमदाद शाह वारसी, गुड्डन बाबा,कल्लन शाह वारसी, मलामत शाह वारसीय, मस्तान शाह , मनीष गुप्ता, राजू त्रिपाठी,वारसी,दरगाह के मुतवल्ली निज़ामुद्दीन फारूकी, हसन वारसी आदि मौजूद रहे।
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