जीरो टॉलरेंस की पोल खोलता प्रशासन
दर-दर की ठोकरें खाता बेबस किसान
प्रार्थना प़त्र के बाद अधिकारी बने मूकदर्शक
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । यूपी में सीएम योगी अपने 8 साल बेमिसाल का जश्न मना रहे हैं, लेकिन चित्रकूट में प्रशासनिक लापरवाही व भ्रष्टाचार सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं। यहां भूमाफियाओं व सरकारी तंत्र की मिलीभगत का शिकार एक किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। किसान राममिलन द्विवेदी अपनी ही जमीन पर हक पाने के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें न्याय की जगह सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। राममिलन द्विवेदी की जमीन 2011 में तत्कालीन डीएम के आदेश पर अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें उनकी जमीन लौटाने के बजाय दूसरी जगह की जमीन थमा दी। अब, भूमाफिया व भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से फिर से जमीन हड़पने की कोशिश की जा रही है। 10 मार्च 2025
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पीडित बेबस किसान राममिलन |
को फर्जी रिपोर्ट तैयार कर उनकी जमीन को अवैध रूप से कब्जे में दिखा दिया गया, जिससे उनका 136 एअर का रकबा घटकर मात्र 27 एअर रह गया। चित्रकूट में ऐसे प्रशासन योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का खुला मजाक बना रहा है। किसान ने एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगो व लेखपाल तक अपनी गुहार लगाई, लेकिन हर जगह उन्हें सिर्फ टरकाया गया। सरकार अपराध और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई के दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। राममिलन द्विवेदी ने डीएम, एसडीएम व अन्य अधिकारियों को कई बार पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
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