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Saturday, March 8, 2025

राम वनगमन लीला की कथा सुन श्रोता हुए भाव विभोर

फतेहपुर, मो. शमशाद । मलवां विकास खंड के अलीपुर गांव में चल रही सात दिवसीय श्री रामकथा महोत्सव में प्रख्यात कथावाचक आचार्य पंडित यदुनाथ अवस्थी ने वनगमन लीला का वृतांत सुनाया। वनगमन लीला की कथा सुन श्रोताओं की आंखों से अश्रु छलक पड़े। भाव विभोर होकर कथा सुनने के लिए श्रोता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कथा वाचक ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम के राजतिलक की तैयारियां चल रही हैं। इसी बीच राजा दशरथ को सूचना मिलती है कि महारानी कैकेई नाराज होकर कोप भवन में चली गई हैं। यह सुनकर परेशान दशरथ कारण जानने सीधे कोप भवन पहुंचते हैं और कैकेई से शुभ घड़ी में रुठने की वजह पूछते हैं। कैकेई राम के राजतिलक का विरोध करती

श्रीराम कथा महोत्सव में प्रवचन करते कथावाचक।

हैं। एक युद्ध के दौरान दिए हुए वचन की याद दिलाते हुए राजा दशरथ से भरत को राजगद्दी और राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगती हैं। यह सुनकर अयोध्या नरेश विकल हो उठते हैं। वह रानी को मनाने का प्रयास करते हैं, लेकिन रानी की जिद के आगे हार जाते हैं। दशरथ राज दरबार में राम को वनवास की घोषणा करते हैं तो प्रजा विरोध पर उतर जाती है। फिर भगवान राम अनुज लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वन के लिए प्रस्थान करते हैं। इस मौके पर दुर्गेश मिश्रा, भूपेंद्र तिवारी, रणविजय सिंह, आलोक गौड़, अरुण शुक्ला, शिवशंकर सिंह, अनमोल शुक्ला, शिवम सिंह गौतम, अनिल भदौरिया, रामशंकर आदि रहे।


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