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Tuesday, March 4, 2025

प्राणघातक हमला करने वालों पर पुलिस मेहरबान क्यों?

 एक के बाद एक वारदात, दो-दो संगीन धाराओं में मुकदमें दर्ज

जांच-जांच का खेल खेल रही शहरी पुलिस

फतेहपुर, मो. शमशाद । छोटी-छोटी घटनाओं को छिपा लेने की बात से ही बड़े अपराध जन्म लेते हैं और जघन्य अपराध होने और मुकदमा संगीन धाराओं में दर्ज होने के बावजूद मुल्जिमानों पर कार्यवाही करने के बजाए पुलिस जांच के खेल खेल में कुछ तरह वादी को उलझा देती है। जिससे मुल्जिमानों के हौंसले न सिर्फ बुलंद होते हैं बल्कि एक बड़ी वारदात को अंजाम देकर न सिर्फ समाज को भयवश कर देते हैं बल्कि शासन प्रशासन की मंशा के विपरीत करने में माहिर पुलिस की तस्वीर उस वक्त सामने आई जब नगर कोतवाली के ग्राम सनगांव में भूमि विवाद को लेकर हुई मारपीट के दर्ज मुकदमे पर पुलिस द्वारा कार्यवाही न करने पर दूसरी घटना इस कू्ररता के साथ की गयी कि न सिर्फ गांव में दहशत व्याप्त हो गयी बल्कि तीन लोग गंभीर रूप से घायल होने की स्थिति में मरणासन्न की श्रेणी में पहुंचकर फतेहपुर से लेकर कानपुर तक उपचार कराने के बावजूद एक माह बाद भी मुल्जिमानों के विरूद्ध कार्यवाही न किये जाने से ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस मुल्जिमानों पर मेहरबान है।

अस्पताल में भर्ती घायल।

ज्ञातव्य हो कि सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सनगांव निवासिनी मेराजुल पत्नी शफीक ने न्याय के पक्षधर पुलिस अधीक्षक एवं सूबे के मुख्यमंत्री सहित हुक्मरानों को शिकायती पत्र भेजकर पत्र में आरोप लगाया कि भूमि विवाद के चलते गांव के दबंग एवं गैंग बनाकर अपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने वाले स्व0 फिजा के पुत्र मुस्तकीम उर्फ तबरेज, शब्बो, मुम्ताज, सद्दाम, आजम उर्फ चौमा पुत्र हबीब व वकील अहमद, नूर सबा, यासीन झाम, दायम अली ने उसकी भूमि पर अवैध कब्जा करने के उद्देश्य से ट्रैक्टर लेकर अवैध कब्जा किया था। जिसका विरोध करने पर उपरोक्त लोगों ने चार दिसंबर को घर में घुसकर न सिर्फ मारपीट कर गंभीर चोंटे पहुंचाई बल्कि घर में सुरक्षा की दृष्टि से लगे सीसीटीवी कैमरों को भी तोड़ डाला। जिस पर बमुश्किल कोतवाली पुलिस ने उपरोक्तों के विरूद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा तो दर्ज कर लिया पर कार्यवाही नहीं की। जिसके चलते पुनः छह फरवरी को तांडव मचाते हुए इस कदर मारपीट ही नहीं किया बल्कि ट्रैक्टर ट्राली भी पति और बेटे पर जान से मार देने की नियत से चढ़ा दिया। जिससे हाथ पैर और पसलियां तक टूट गईं। जिस पर पुलिस ने संगीन धाराओं में पुनः मुकदमा दर्ज किया। जिसमें सात साल से अधिक की सजा और आजीवन कारावास तक का प्राविधान है। जिसके बावजूद मुल्जिमानों पर आज तक पुलिस कोई भी कार्यवाही नहीं किया। जिससे प्रतिदिन वह व उसके परिवार को जान माल की धमकी देकर न सिर्फ भयभीत करते हैं बल्कि मानसिक उत्पीड़न करते हैं। जिससे वह व उसका परिवार घर के अंदर सहमा हुआ रहता है। पुलिस जांच के नाम पर खेल खेल रही है और मुल्जिमान जान माल की धमकी ही नहीं बल्कि किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की रणनीति बना रहे हैं। पीड़िता ने न्याय के पक्षधर पुलिस अधीक्षक से मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कराने के साथ परिवार की सुरक्षा कराने की गुहार लगाई है।


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