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Thursday, April 10, 2025

108 बटुकों का हुआ सामूहिक उपनयन संस्कार

धारण किया यज्ञोपवीत (जनेऊ)

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि - परम पूज्य संत श्री रणछोड़दास जी महाराज की पावन तपोस्थली एवं उनके कर कमलों से चित्रकूट के जानकीकुण्ड में स्थापित गुरुकुल श्री राम संस्कृत महाविद्यालय अंतर्गत श्री रघुवीर मन्दिर (बड़ी गुफा) के 108 बटुकों का सामूहिक उपनयन संस्कार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ चैत्र शुक्ल पक्ष द्वादशी को प्रातः में संपन्न हुआ | इस अवसर पर ग्रहशांति यज्ञ, गुरुपूजन, मंत्रदीक्षा, दण्डधारण एवं भिक्षाटन के विधान मंदिर परिसर में आचार्यों के


निर्देशन में संपन्न किये गए |  यज्ञोपवीत संस्कार के बारे में  श्री राम संस्कृत विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि यज्ञोपवीत संस्कार के उपरांत ही गुरुकुल के विद्यार्थियों को वेद-शास्त्रों के अध्ययन का अधिकार प्राप्त होता है एवं प्राचीन वैदिक-सनातन परम्परा में यह ब्रह्मचर्य आश्रम की आवश्यक क्रिया एवं सोलह संस्कारों में से एक है | उपनयन को शास्त्रों में द्विज का दूसरा जन्म भी माना गया है | इस अवसर पर पूज्य रामकथा व्यास उमाशंकर जी,

श्री सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ.बी.के.जैन, श्री सदगुरू शिक्षा समिति की अध्यक्षा उषा जैन, भारत के अलग प्रांतों से आए समस्त गुरु भाई बहन,सभी आचार्यगण, विद्यार्थी,अभिभावक एवं सदगुरु परिवार के सदस्य उपस्थित रहे |

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