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Friday, May 16, 2025

जून से अक्टूबर माह तक रहें सतर्क, स्वच्छ पानी में पनपता है एडीज मच्छर का लार्वा

राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर अटल आवासीय विद्यालय अछरौड़ में आयोजित हुआ कार्यक्रम

जिला मलेरिया अधिकारी ने बच्चों को डेंगू बुखार व बचाव के बारे में दी जानकारी

बांदा, के एस दुबे । अटल आवासीय विद्यालय अछरौड़ में शुक्रवार को राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार ने बच्चों को बताया कि जून से अक्टूबर माह तक सतर्क रहें। इस दौरान एडीज मच्छर का लार्वा स्वच्छ पानी में पनपता है। डेंगू बुखार और बचाव के बारे में भी जानकारी दी गईं। कार्यक्रम में जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार ने छात्रों को डेंगू बुखार के लक्षण व बचाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि डेंगू बुखार एक कष्टदायक, शरीर को दुर्बल करने वाला मच्छर जनित रोग है। और जो लोग दूसरी बार डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाते है उनमें गम्भीर बीमारी विकसित होने का काफी अधिक जोखिम होता है। डेगू बुखार के लक्षण मच्छर के काटने के चार से 10 दिनों के बाद दिखाई देने लगते है। यह मच्छर दिन में काटता है और काला सफेद चित्तीदार दिखाई देता है। डेंगू से बचने किये लिये मच्छरों को काटने बचें व घर

जागरूकता कार्यक्रम के दौरान मंचासीन अतिथि।

व घर के आस-पास साफ पानी एकत्रित न होने दें। लक्षण-अचानक तेज बुखार, ऑखों के पीछे दर्द, जोडो और मासपेसियों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते पडना, प्लेटलेट्स तेजी से डाउन होना आदि लक्षण हैं। कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारी अटल आवासीय विद्यालय अनिल कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार, सहायक मलेरिया अधिकारी विजय बहादुर, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार प्रदीप कुमार कुशवाहा, एसएलटी बृजविहारी, मलेरिया राज कुमार, परीक्षित द्विवेदी, भानू प्रताप सिह व फाइलेरिया निरीक्षक गोपाल यादव, फील्ड वर्कर अवधेश चक्रवर्ती व समस्त अध्यापक, स्कूल स्टाफ एवं छात्र उपस्थित रहे।

बुखार होने पर क्या करेंः-

  • - सामान्य बुखार होने पर नजदीक के राजकीय चिकित्सालय, पीएचसी और सीएचसी में रक्त की जांच कराएं। उपचार कराएं, कोई भी बुखार डेंगू हो सकता है।
  • - घर के कूलर, बाल्टी घडे़ तथा ड्रम का पानी, फ्रिज ट्रे, नारियल के खोल, ओवर हैड टैंक, गमले, पशु पक्षियों को रखे पानी के पात्र टायर व अनउपयोगी पात्रों को साप्ताहिक अन्तराल पर खाली करते रहें।
  • - घर के आस पास व गड्ढों में पानी एकत्रित न होने दें। पानी एकत्रित होने वाले स्थानों को मिट्टी से भर दें, यदि सम्भव न हो तो कुछ बूंद जले हूए मोबिल आयल को अवश्य डाल दें।
  • - सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। शरीर पर मच्छर निरोधक क्रीम/नीम तथा सरसों के तेल का लेप खुले भागों पर लगायें। नीम की पत्ती का धुआं करें।
  • - बच्चों को फुल बांह के कपडें, जूते मोजे पहनाएं

क्या न करेंः-

  • - घर के आस पास छत पर व आंगन में पडे़ पुराने बर्तनों, टायर, कूलर फूलदान, गमले में पानी इकट्ठा न होने दें। घर के आस पास कूड़ा एकत्रित न होने दें एवं सफाई पर ध्यान दें।
  • - घर में यदि बुखार का रोगी है तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें अथवा ऐसे कमरें में रोगी की देखभाल करें जिसके खिड़की तथा दरवाजे पर जालियां लगी हों।
  • - बुखार का रोगी बिना रक्त की जांच कराये दवा का इस्तेमाल न करें तथा खाली पेट दवा न खाएं।


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