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Thursday, November 13, 2025

चित्रकूट कोषागार घोटाले में नया खुलासा, 67 पेंशनर अब भी धनराशि दबाए बैठे- अब संपत्ति जब्ती की तैयारी

तीन करोड़ से अधिक की हुई वसूली

धन वापसी की रफ्तार धीमी, खुलीं नई परतें

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिला कोषागार में पेंशन से जुड़ा गबन मामला एक बार फिर चर्चा में है। बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में पेंशन घोटाले की ताजा स्थिति पर चर्चा की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक, दोनों अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, एसआईटी/क्राइम ब्रांच, शिक्षा विभाग व बैंक अधिकारियों की मौजूदगी रही। बैठक में बताया कि इस प्रकरण में कुल 93 पेंशनर और पारिवारिक पेंशनर शामिल हैं, जिनमें से 26 लोगों ने गबन की गई राशि लौटाई, जबकि 67 अब भी सरकारी धन वापस नहीं कर रहे हैं। अब तक लगभग 3 करोड़ 60 लाख 74 हजार 16 रुपये की वसूली की जा चुकी है। जिन पेंशनरों ने राशि नहीं लौटाई है, उनकी संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही एक प्रभारी

बैठक में मौजूद अधिकारीगण

सहायक कोषाधिकारी, एक लेखाकार, एक सहायक लेखाकार और एक सेवानिवृत्त सहायक कोषाधिकारी के बैंक खातों से लेनदेन पर रोक लगाने का निर्णय हुआ। बैठक में यह भी तय किया गया कि ऐसे बैंक खाते जिनमें परिवर्तन या संदिग्ध लेनदेन किए गए हैं, उनकी जानकारी एसआईटी/क्राइम ब्रांच को जल्द उपलब्ध कराई जाए। सहायक महानिरीक्षक निबंधन को यह भी निर्देश दिया गया कि गबन से जुड़े कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके परिजनों की संपत्ति के क्रय-विक्रय पर रोक लगाई जाए। हालांकि यह कदम घोटाले की गुत्थी सुलझाने की दिशा में अहम माना जा रहा है, लेकिन सवाल है कि इतनी बड़ी रकम वर्षों तक निगरानी के बावजूद कैसे गबन होती रही? क्या जिम्मेदार आला अधिकारी हर बार की तरह इस बार भी सुरक्षित बच गए?


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