भागवत कथा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
राजेंद्र पांडेय की यादों में डूबा परिवार
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । पुरानी बाजार स्थित स्वर्गीय राजेंद्र पांडेय के घर शनिवार को श्रद्धा, संस्कार और स्मृतियों का दुर्लभ संगम देखने को मिला। उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित भागवत कथा ने घर के आँगन को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। पत्रकारिता की दुनिया में अपनी निर्भीक लेखनी और संवेदनशीलता के लिए पहचाने जाने वाले दिवंगत राजेंद्र पांडेय को उनके परिवार ने इस अवसर पर पूरे मन से याद किया। कथा के मुख्य
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| कथा के प्रथम दिवस पर कलश यात्रा में पूरा परिवार |
श्रोता उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रेखा पांडेय रहीं, जो पूरे समय अपने जीवनसाथी की स्मृतियों में डूबी रहीं- जैसे कथा के हर शब्द में उन्हें अपने पति की उपस्थिति महसूस हो रही हो। परिवार के सभी सदस्यों की उपस्थिति ने इस आयोजन को न सिर्फ भावुक बनाया बल्कि यह भी दर्शाया कि राजेंद्र पांडेय भले ही शारीरिक रूप से मौजूद नहीं हैं, पर उनकी सीख, उनके संस्कार और उनकी पत्रकारिता का उजाला अब भी परिवार और समाज दोनों को मार्ग दिखा रहा है। भागवत कथा का वाचन नया गांव के प्रसिद्ध व्यास रवि शास्त्री द्वारा किया गया, जिनकी मधुर वाणी और गूढ़ व्याख्या ने वातावरण को आध्यात्मिकता से सराबोर कर दिया। कथा के दौरान बार-बार ऐसा लगा जैसे
दिवंगत राजेंद्र पांडेय स्वयं इस पावन आयोजन के साक्षी बनकर अपने परिवार को आशीष दे रहे हों। भावनाओं और अध्यात्म के इस मिलन ने यह स्पष्ट कर दिया कि सच्चे कर्मयोगी कभी विदा नहीं होते- वे अपनी स्मृतियों, अपने मूल्यों और अपनी प्रेरणा के रूप में सदैव जीवित रहते हैं।
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