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Tuesday, November 18, 2025

हजरत आमिर मियां की सरपरस्ती में हुआ नातिया मुशायरा

बेच के अपना लहू चाहे वो रोटी लाए, बाप बेटे को कभी भूखा नहीं सोने देता

खागा, फतेहपुर, मो. शमशाद । हथगाम ब्लाक के सलेमपुर गांव में ऑल इंडिया नातिया मुशायरे का आयोजन इशा की नमाज के बाद तिलावत के साथ आगाज हुआ। जिसमें दूर-दूर से मशहूर नातगो ने अपने कलाम पेश किए। आमिर मियां सफवी मिस्बाही की सरपरस्ती में नातिया मुशायरा हुआ। नातिया मुशायरे में पीरे तरीकत हजरत अल्लामा आमिर मियां सफवी साहब पुरखास शरीफ की मौजूदगी रही। जो नातिया मुशायरा में शिरकत करने आए लोगों के लिए उनकी रूहानियत का नूर दिलों में छाया रहा। शायरे हिंदुस्तान मोहम्मद अली फैजी की आमद नातिया मुशायरे के शायर के रूप में सामईन के लिए बाइसे मुसर्रत रही। दीगर नातगो में शायरे अहले सुन्नत मंजर दिनाजपुरी, बुलबुले बागे रजवियत शुएब अजहरी कानपुर, बुलबुले बागे मदीना नियाज अली एहसानी बांदा, अंदलीबे गुलशने रिसालत युसूफ कानपुरी, शमशाद, साहिल फतेहपुरी, हजरत कारी अयूब अशरफी रायबरेली

मुशायरे में मंचासीन हजरत आमिर मियां व अन्य।

आदि ने कलाम पेश किए। निजामत की जिम्मेदारी शब्बीर अशरफी कानपुरी निभाई और इतनी शानदार निजामत की जिसकी तारीफ जितनी की जाए कम है। हजरत कारी वसीम दानिश, हजरत मौलाना वसीम रजा फैजी, मोहम्मद हसीन, मोहम्मद फैजान इंतजामकारों में अगुवा रहे। मिनजानिब मोहम्मद शब्बीर हसन, मोहम्मद सगीर अहमद, मोहम्मद शरीफ अहमद, मोहम्मद सलीम अहमद, मुर्तजा भाई अबरार सिद्दीकी तमाम हजरात जलसे को कामयाब बनाने में अहम किरदार निभाया। धूप कैसी भी हो साया नहीं खोने देता,रात कैसी भी हो बेबस नहीं होने देता, बेच के अपना लहू चाहे वो रोटी लाए, बाप बेटे को कभी भूखा नहीं सोने देता। हजरत ने कहा कि औलिया-ए-किराम ने हमेशा मोहब्बत, अमन और इंसानियत का पैग़ाम दिया है। आज ज़रूरत इस बात की है कि हम सब मिलकर हिंदू-मुस्लिम एकता को मज़बूत करें। तालीमात इंसान को खुदा की बंदगी और इंसानियत की खिदमत सिखाती है। इसके पहले कवि एवं शायर शिवशरण बंधु हथगामी ने भी कलाम पेश किया-उसको कभी सवाब मयस्सर नहीं हुआ, जिसको पड़ोसियों की कोई फिक्र ही नहीं, तौफीक हो तो गौर से कुरआन देखिए, इसमें तो नफरतों का कहीं जिक्र ही नहीं।


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