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Tuesday, November 11, 2025

संविदा कर्मियों का विद्रोह- भ्रष्ट ठेकेदारों व अफसरशाही के खिलाफ हल्ला बोल

16 घंटे की ड्यूटी, अधूरा वेतन 

बांदा घेराव की चेतावनी 

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । बिजली विभाग में संविदा कर्मियों का आक्रोश अब उबाल पर है। समय से वेतन न मिलने, अनुभवी कर्मियों को बाहर निकालकर नए अनुभवहीन युवाओं की नियुक्ति, और सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी से नाराज कर्मचारियों ने शुक्रवार को अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अगुवाई उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ इकाई चित्रकूट ने की। मुख्य अतिथि डिकॉम आगरा दक्षिणांचल उपाध्यक्ष सिद्धार्थ कुमार गुप्ता ने गरजते हुए कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी विभाग की रीढ़ हैं, लेकिन प्रबंधन के आदेशों के बावजूद उन्हें एक से सात तारीख के बीच वेतन नहीं दिया जा रहा। इससे संविदा कर्मियों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। धरने में यह भी आरोप लगा कि 55 वर्ष का हवाला देकर पुराने

उच्च अधिकारी से निवेदन करते संविदा कर्मी 

कर्मचारियों को निकाला जा रहा है, जबकि उनकी जगह बिना अनुभव वाले नए चेहरों की भर्ती की जा रही है। बिना सुरक्षा उपकरणों के काम लेने से विद्युत दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। इतना ही नहीं, 26 दिन 8 घंटे के अनुबंध के बावजूद 30 दिन और 16-16 घंटे काम लेना श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन बताया गया। संघ ने चेतावनी दी कि यदि चित्रकूट की समस्याओं का निस्तारण तत्काल नहीं हुआ, तो आगामी 14 अक्टूबर को बांदा स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय का घेराव किया जाएगा। जिला अध्यक्ष हेमराज यादव, महामंत्री शिवाकांत त्रिपाठी और जिला प्रभारी अजय मिश्रा ने संयुक्त रूप से कहा कि अब उत्पीड़न और ठेकेदारों की मनमानी नहीं चलेगी। पुराने कर्मचारियों को निकाले जाने से पहले आगरा एमडी की स्वीकृति आवश्यक है, मगर स्थानीय अधिकारियों ने गोलमाल कर आदेशों को दरकिनार कर दिया। कर्मचारियों ने ऐलान किया- अब और नहीं, हक की लड़ाई सड़क से दफ्तर तक लड़ी जाएगी।


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