Pages

Sunday, November 16, 2025

शिव-पार्वती की अमर गाथा से गूंजा राजेन्द्र पांडेय निवास, भागवत कथा में उमडा भक्तों का सैलाब

शिव-पार्वती संवाद ने किया श्रोताओं को मोहित 

कथा से मंत्रमुग्ध हुए श्रोता 

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले के वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय राजेंद्र पांडेय के आवास परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का रविवार को दूसरा दिन आध्यात्मिक अनुभूति, दिव्य वातावरण और गूंजते शास्त्रीय ज्ञान से भर उठा। व्यासपीठ पर विराजमान व्यास महाराज रवि शास्त्री जी ने शुकदेव एवं व्यास जी की उत्पत्ति से जुड़ी वह अमर कथा सुनाई, जिसे स्वयं भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनाया था। शास्त्री जी ने स्पष्ट किया कि संसार में किए गए

भागवत कथा के दूसरे दिन कथा कहते भागवत व्यास

क्रिया-कर्म गंगा धारा से धुल जाते हैं, परंतु मन से किए गए पाप, देखे-सोचे गए दुष्कर्म, और अन्यायपूर्ण संकल्प गंगा भी नहीं धो पाती। उन्होंने द्रौपदी के चीरहरण का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि ऐसे पापों का फल अवश्य भोगना पड़ता है। धृतराष्ट्र के उदाहरण के माध्यम से बताया गया कि आंखें बंद कर अन्याय का समर्थन करना भी उतना ही बड़ा अपराध है जितना उसे करना। अमर कथा के दिव्य प्रसंगों के बीच श्रोतागणों की भाव-भक्ति देखने योग्य रही। कथा स्थल पर सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और व्यास महाराज के हर शब्द के साथ पूरा वातावरण
भागवत कथा के दूसरे दिन मौजूद श्रोतागण

भक्ति, श्रद्धा और आत्ममंथन से भरता गया। आज की कथा ने संदेश दिया कि कर्म ही मानव का वास्तविक परिचय है, और अन्याय के सामने मौन रहना भी पाप का ही रूप है। श्रोताओं ने गहनता से कथा का श्रवण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।


No comments:

Post a Comment