कंगारू मदर केयर से लेकर टीकाकरण तक
कमजोर जन्म, मजबूत सुरक्षा
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले में शनिवार से नवजात शिशु देखभाल सप्ताह शुरू हो गया है, जो 15 से 21 नवम्बर तक पूरे जनपद में नवजात सुरक्षा और वैज्ञानिक देखभाल के संदेश को घर-घर तक पहुंचाएगा। जनपद स्तरीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि समय से पूर्व जन्मे और कम वजन वाले शिशुओं की देखभाल में जरा-सी लापरवाही भी गंभीर जोखिम बन सकती है, इसलिए समुदाय को सही और वैज्ञानिक जानकारी देना बेहद जरूरी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भूपेश द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश में नवजात मृत्यु दर में सुधार हो रहा है। एसआरएस-2023 के अनुसार एनएमआर 27 से घटकर 26 प्रति हजार जीवित जन्म हुआ है, जो बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का संकेत है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ महेंद्र कुमार जतारया ने कहा कि जनपद में संस्थान
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| देखभाल सप्ताह अभियान में मौजूद अधिकारीगण |
आधारित और समुदाय आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम पहले से प्रभावी रूप से चल रहे हैं। स्पष्ट किया कि प्रसव अस्पताल में ही हों और नवजात व माँ कम से कम 48 घंटे वहीं रुकें। जन्म के बाद बच्चे को नहलाने के बजाय साफ कपड़े पहनाना, जन्म के पहले घंटे में माँ का गाढ़ा पीला दूध पिलाना, छह महीने तक सिर्फ माँ का दूध देना और समय पर सभी टीकाकरण कराना अनिवार्य है। कम वजन वाले शिशुओं के लिए कंगारू मदर केयर सबसे प्रभावी तरीका बताया गया। विशेषज्ञों ने चेताया कि नवजात को घुट्टी, शहद या घरेलू पदार्थ देना नुकसानदायक है। मुख्य कार्यशाला में डॉ जतारया, डॉ रतमेले, डॉ एचसी अग्रवाल सहित सभी ब्लॉकों के चिकित्सा अधीक्षक और अधिकारी उपस्थित रहे।
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