सूर्यदेव 16 दिसंबर को प्रात: 4 :19 पर वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे तब खरमास प्रारम्भ हो जायेगा फिर नव वर्ष में 14 जनवरी 2026 को मकर राशि में प्रवेश कर जायेंगे। जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी जो कि 14 जनवरी 2026 को होगी। सूर्यदेव एक राशि में लगभग 30 दिन रहते है, सूर्यदेव किसी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस दिन सूर्यदेव की संक्रांति होती है। सूर्य की संक्रांति में पुण्यकाल का बहुत महत्व होता है। धनु संक्रांति का पुण्यकाल 16 दिसंबर की प्रात:10 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इस दौरान गोदावरी / पवित्र नदी में स्नान और वस्त्र दान का विशेष महत्व है। 12 दिसंबर
को शुक्र ग्रह अस्त हो चुके हैं। शुक्र ग्रह 52 दिनों तक अस्त रहेंगे और 1 फरवरी 2026 के बाद उदय होंगे । इसके तीन- चार दिन बाद शुभ मांगलिक कार्य प्रारम्भ होंगे। खरमास में कोई भी शुभ-मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। भगवान सूर्य जब देवगुरु बृहस्पति के घर में आते हैं तो वो अपना तेज कम कर देते हैं। साथ ही इस दौरान बृहस्पति ग्रह की शुभता कम हो जाती है। भगवान सूर्य के तेज कम होने और देवगुरु बृहस्पति की शुभता का प्रभाव कम होने के कारण से ही खरमास में विवाह, सगाई,यज्ञोपवीत, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ-मांगलिक कार्य नहीं कराए जाते हैं। खरमास के समय भगवान विष्णु व भगवान शंकर की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। दान-पुण्य को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। खरमास में दान-पुण्य जरूर करना चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है
- ज्योतिषचार्य एस.एस. नागपाल, स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ

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