देवेश प्रताप सिंह राठौर
उत्तर प्रदेश, उन्नाव। रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट ने बेल दे दी है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने सेंगर की सजा को अपील पर सुनवाई पूरी होने तक सस्पेंड कर दिया। सेंगर ने सजा के खिलाफ अपील की है। बता दे कि अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को 15 लाख रुपए के निजी मुचलके पर सशर्त रिहा करने का आदेश दिया है। साथ ही 4 शर्तें भी लगाईं- पीड़ित से 5 किमी दूर रहना होगा। हर सोमवार को पुलिस को रिपोर्ट करना होगा। पासपोर्ट संबंधित प्राधिकरण के पास जमा कराना होगा, ताकि देश छोड़कर न जा सकें। एक भी शर्त तोड़ी तो बेल रद्द कर दी जाएगी। उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग को अगवाकर रेप किया था। इस मामले
की जांच सीबीआई ने की थी। दिल्ली कोर्ट ने दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर, 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उसे मृत्यु तक जेल में रखने के आदेश दिए थे। सेंगर पर 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था। कुलदीप सेंगर की विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। उसे भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया था। 2017 में उन्नाव रेप का केस देशभर में काफी चर्चित रहा था। अगस्त 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस से जुड़े चार मामलों का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। आदेश दिया था कि इसे रोजाना सुना जाए और 45 दिनों के भीतर पूरा किया जाए। दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सेंगर ने इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। ट्रायल कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि CBI पर्याप्त कदम उठाए, ताकि पीड़ित और उसके परिवार की जान और स्वतंत्रता की रक्षा की जा सके। इसमें परिवार की सहमति से पीड़ित के लिए मकान और पहचान बदलने की व्यवस्थाएं शामिल थीं।

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