शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की रविवासरीय काव्य गोष्ठी संपन्न
फतेहपुर, मो. शमशाद । शहर के मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 417 वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन केपी सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के पुजारी विजय कुमार शुक्ल उपस्थित रहे। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए केपी सिंह कछवाह ने वाणी वंदना में अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा- ज्ञानदायिनी, शारदे, नमन करो स्वीकार। माता, कंठ विराजिये, पावन करो विचार।। डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया- कर्म पर ही नर का अधिकार, उसी में निहित सदा पुरुषत्व। इसी से होता है
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| काव्य गोष्ठी में भाग लेते कवि एवं साहित्यकार। |
उत्थान, इसी से पाता मनुज महत्व।। राम अवतार गुप्ता ने अपने भावों को मुक्तक में कुछ इस प्रकार पिरोया- आज बांग्लादेश में मचा हुआ कोहराम। अल्पसंख्यकों का हुआ जीना वहां हराम।। प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये- नया वर्ष है, नई उमंगें, हो सबका हित औ कल्याण। शांति-प्रेम प्रभु, जग में फैले, भारत की हो ऊंची शान।। काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक मुक्तक के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किये- मंगलमय नववर्ष हो, बढ़ें हर्ष-उत्कर्ष। दुख-दरिद्रता दूर हों, मिटें शोक-संघर्ष।। कार्यक्रम के अंत में पुजारी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया। आयोजक ने आभार व्यक्त किया।

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