कृषि विवि लुधियाना हुआ राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
बांदा, के एस दुबे । भारतीय मृदा संरक्षण समिति नई दिल्ली द्वारा पारिस्थितिक बहाली और कृषि स्थिरता के लिए भूमि और जल प्रबंधन विषय पर 33वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी का तीन दिवसीय आयोजन बीती 10 दिसंबर को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना में संपन्न हुआ, जिसमें कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बाँदा के मृदा विज्ञान के सहायक प्रोफेसर डॉ.अरबिन्द कुमार गुप्ता को उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक एग्रीकल्चरल कॉम्पिटिशन एग्जामिनेशन को सर्वश्रेष्ठ पुस्तक सम्मान प्रदान किया गया। इसके साथ ही डॉ. देव कुमार को उनके शोध पत्र के लिए सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र सम्मान दिया गया। डॉ. देव कुमार ने झांसी के मऊरानीपुर और गुरसराय अनुसंधान प्रक्षेत्रों की मृदा उर्वरता का
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| अरविंद गुप्ता। |
मानचित्रण विषय पर किया। उन्होंने अपना शोध देशभर से आये वैज्ञानिकों के सामने रखा। सम्मान समारोह की अध्यक्षता पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के कुलपति प्रोफेसर एसएस गोसल ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के प्रोफेसर बीआर कंबोज एवं भारतीय मृदा संरक्षण समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर टीबीएस राजपूत उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के शिक्षकों की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसवीएस राजू ने उन्हें बधाई दी। निदेशक शोध व मृदा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. जगन्नाथ पाठक अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, प्रो. जीएस पंवार तथा अधिष्ठाता वानिकी महाविद्यालय प्रो. संजीव कुमार ने भी दोनों युवा वैज्ञानिकों
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| देवकुमार। |
को शुभकामनाएं दीं। ज्ञात हो कि तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य रूप से पांच विषयों यथा नवाचार के माध्यम से भूमि क्षरण तटस्थता प्राप्त करना, सटीक जल संसाधन प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन, टिकाऊ कृषि के माध्यम से खाद्य और पोषण सुरक्षा, भूमि और जल प्रबंधन के लिए डिजिटल नवाचार, सतत भूमि और जल प्रबंधन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण एवं किसान केंद्रित संसाधन प्रबंधन नीतियां पर देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और शोधार्थियों द्वारा शोधपत्र प्रस्तुत किए गए।


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