वीर सैनिकों के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर दी श्रद्धांजलि
फतेहपुर, मो. शमशाद । पूर्व सैनिक उत्थान एवं लोक कल्याण समिति ने साढ रोड स्थित सुनील यादव के आवास में कमल दीक्षित की अध्यक्षता में विजय दिवस के उपलक्ष्य में एक दिन पूर्व कार्यक्रम आयोजित किया। सर्वप्रथम सूबेदार मेजर राम सागर यादव व 1971 के युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों के आसमायिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। वर्ष 1971 के युद्ध में जनपद के भाग लेने वाले सैनिक कमल दीक्षित एवं जब्बार हुसैन को शाल व माला पहना कर सम्मानित किया।
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| विजय दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन करते पूर्व सैनिक। |
बरीपाल से आई भजन मंडली ने देशभक्ति एवं वीर रस के जोशीले गाने गाकर सभी को रोमांचित किया। मुख्य अतिथि अध्यक्ष विद्याभूषण तिवारी ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा पूर्वी पाकिस्तान पर कहर ढाया गया। पूर्वी पाकिस्तान के नेता शेख मुजीबुर रहमान के विरोध के बावजूद कत्लेआम किया गया। क्रूरता की सारी हद पार कर दी गई। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री ने मानवता का साथ दिया। बांग्लादेशी शरणार्थियों को भारत में पनाह दिया इसके विरोध में पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष अब्दुल खान नियाजी ने 2 दिसंबर 1971 में भारत पर ऑपरेशन चंगेज खान नाम देकर आक्रमण कर दिया। भयंकर युद्ध हुआ जिसमें 16 दिसंबर 1971 में ढाका में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया जिससे पूरे पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हुआ व बांग्लादेश का निर्माण हुआ। भारत की तरफ से सेना का नेतृत्व फील्ड मार्शल जनरल मानिक शाह कर रहे थे। इस युद्ध में भारत के लगभग 3550 सैनिक शहीद हुए। 11200 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए जबकि पाकिस्तान के 11500 सैनिक शहीद हुए व 32400 सैनिक घायल हुए और उनके हजारों टैंक बर्बाद हो गए। यह युद्ध बंगाल, पंजाब, कश्मीर, राजस्थान, हिंद महासागर, अरब सागर व बंगाल की खाड़ी के क्षेत्र से लड़ा गया और इसमें मुख्यतः वेस्टर्न कमांड नॉर्दर्न कमांड और पूर्वी कमान फ्रंट ने भाग लिया। भारत की सेना ने 15010 स्क्वायर किलोमीटर पाकिस्तान का क्षेत्र कब्जा कर लिया परंतु 1972 में शिमला समझौते के तहत नेताओं ने सारी जमीन उनको वापस कर दिया। पाकिस्तान ने 150 वर्ग किलोमीटर भारत का क्षेत्र कब्जा किया जो अभी तक उन्हीं के कब्जे में है। महिला अध्यक्ष जागृति तिवारी ने कहा कि भारत का दुर्भाग्य है कि हम युद्ध में तो जीत जाते हैं परंतु राजनीतिक मंच पर आकर जीत को हार में बदल देते हैं। कार्यक्रम में सूबेदार मेजर राजेश शुक्ला, रामकेश यादव, गंगाराम सविता, रज्जन सिंह, रामकुमार, शिवप्रसाद सविता, जितेंद्र सिंह, गंगाराम सविता, कैलाश बाबू वर्मा, बलराम सिंह, रामकुमार यादव, अर्जुन सिंह, शिव गोपाल तिवारी, अनवर सिंह आदि उपस्थित रहे।

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