उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने सौंपा ज्ञापन
बांदा, के एस दुबे । उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में वीडियो काल पर परिषदीय विद्यालयों की शिक्षिकाओं से वार्ता करने और उनकी निगरानी करने संबंधी आदेश को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की मांग की है। जनपद के डायट प्राचार्य को एक कमेटी गठित करके वीडियो काल के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं से वार्ता करने के लिए 24 अप्रैल को महानिदेशक स्कूल शिक्षा के द्वारा विभागीय आदेश दिया गया है, इसमें कहा गया है कि जनपद स्तर पर गठित कमेटी वीडियो काल/वायस काल कर विद्यालय में कार्यरत शिक्षिकाओं व शिक्षकों से वार्ता करेगी। उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने इस प्रकार के वीडियो काल के माध्यम से महिला शिक्षिकाओं से वार्ता करना एक महिला की निजता का उल्लंघन होने के साथ अव्यवहारिक है। पदाधिकारियों ने कहा है कि बेसिक शिक्षा
ज्ञापन सौंपती महिला शिक्षक संघ पदाधिकारीगण |
विभाग में महिला शिक्षिकाओं की संख्या अधिकतम है। जनपद स्तर पर गठित मूल्यांकन प्रकोष्ठ के द्वारा वीडियो काल करने से शिक्षिकाओं पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षिकाओं का चेहरा और फोटो किसी के पास जाने से महिला शिक्षिकाएं मानसिक रूप से विचलित व असहज महसूस कर रही हैं। शिक्षक एक सामान्य व्यक्ति है जो अपने विद्यालय में पूरी तैयारी के साथ सहज होकर पढ़ाता है, उसे उच्च अधिकारियों से वार्ता करने की आदत नहीं होती है और महिला शिक्षिका सामान्य वेशभूषा में विद्यालय आती हैं। ऐसे में वीडियो काल कर उनकी फोटो का स्क्रीनशाट और उनकी वीडियो को रेकार्ड किया जा रहा है, जिसे सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी किया गया है, जिससे महिला शिक्षिकाएं असहज महसूस कर रही हैं। महिला शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने इस आदेश को रद्द किए जाने की मांग की है। ज्ञापन देने के दौरान संघ की जिलाध्यक्ष सुधा सिंह राजपूत के अलावा अन्य शिक्षिकाएं भी मौजूद रहीं।
No comments:
Post a Comment