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Sunday, July 30, 2023

ग्यारहवीं मोहर्रम पर सुपिद्ध चांदू मियां का ताजिया सुपुर्द-ए-खाक

दस मोहर्रम की देर रात अकीदतमंदों का उमड़ा सैलाब 

शांतिपूर्ण मोहर्रम समाप्त होने पर जिला प्रशासन ने ली राहत की सांस

फतेहपुर, मो. शमशाद । दस दिवसीय मोहर्रम पर्व शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया। अंतिम दिन सुप्रसिद्ध चांदू मियां का ताजिया सुपुर्द-ए-खाक हुआ। जिसमें अकीदतमंदों की भारी भीड़ रही। ताजिया व अलम जुलूसों में हमेंशा की तरह हिन्दू-मुस्लिम एकता का संगम देखने को मिला। मोहर्रम पर्व के दौरान बेहतर सुरक्षा व्यवस्था पर राईन समाज के चौधरी ने आभार जताया। जिले के कोने-कोने से अकीदतमंद ताजिये का दीदार करने के लिए शहर आये थे। जिससे शहर के अधिकतर मार्ग एवं गलियां लोगों से गुलजार रहीं। लाला बाजार में मेले जैसा माहौल रहा। घरेलू सामान के साथ-साथ महिलाओं की श्रृंगार संबंधित सामग्री एवं बच्चो के खिलौन तथा खाद्य पदार्थो की दुकानें सजी रहीं। बाहर से आने वाली महिलाओं ने जहां दुकानों से खरीदारी की। वहीं बच्चो ने मनपसंद खिलौने खरीदे साथ ही लोगों ने खाद्य पदार्थो की दुकानों में सजे पकवानों का लुत्फ उठाया।  

फाटक के अंदर जाता चांदू मियां का ताजिया।

मोहर्रम पर्व दस दिनों तक मनाया जाता है जो चांद देखने के बाद शुरू हो जाता है। हर दिन अलग-अलग स्थान से ताजिया उठाये जाते है। पांच तारीख से यह पर्व अपने शबाब पर पहुंचने लगता है क्योकि पांचवीं को अलम जुलूस में शहर भर के अलम शामिल होते है और छठवीं मोहर्रम को छह ताजियों का मिलाप होता है। सातवीं को पलंग जुलूस उठता है। आठवीं को सभी ताजिया अपने-अपने इमामबाड़े पर रखे होते है। ताजियों पर मन्नतें भी मानी जाती है और जिनकी मन्नतें पूरी हो जाती है वह चढावा भी चढाते है। चढावा चढाने का सिलसिला यूं तो आठवीं से ही शुरू हो जाता है लेकिन नवीं को यह सिलसिला देखते ही बनता है क्योकि 9 वीं से मुख्य ताजिया उठते है। जिसमें चांदू मियां का प्रसिद्ध ताजिया शामिल रहता है। चांदू मियां का ताजिया सहित सभी ताजिया लगभग अर्द्धरात्रि से उठाये गये। जो अपने कदीमी रास्तों से घूमते हुए भोर के समय मुस्लिम इंटर कालेज पहुचें। जहां पर इनका दसवीं की सुबह लगभग नौ बजे मिलाप हुआ। चांदू मियां को छोड़कर सभी ताजिया देर रात ठंडे कर दिये गये। चांदू मिया का ताजिया रविवार की सुबह लगभग नौ बजे तकिया चांद शाह स्थित इमामबाड़े पहुंचा जहां नम आंखों के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया गया। हर दिन की अपेक्षा अकीदतमंदों की भारी भीड़ रही। सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतेजाम किये गये थे। ताजिये के साथ-साथ पुलिस बल चलता रहा। 

अकीदतमंदों की भीड़ के टूटे रिकार्ड 

फतेहपुर। इस बार मोहर्रम पर्व में पहली ही तारीख से अकीदतमंदों की भीड़ सड़कों पर दिखने लगी थी। जैसे-जैसे पर्व की तारीख आगे बढ़ी तो अकीदतमंदों की भीड़ भी बढ़ती चली गई। दस मोहर्रम की सुबह से ही शहर के प्रत्येक मार्ग पर भीड़ देखी गई। शहर के आबूनगर इलाके में भी ताजियों का मिलाप भारी भीड़ के बीच हुआ। उधर पीरनपुर इलाके में भी पैर रखने की जगह नहीं रही। साथ ही ग्यारह मोहर्रम को चांदू मियां का ताजिया जब अपने इमामबाड़े पर पहुंचा तो अपार जनसैलाब के बीच ताजिये के फूल सुपुर्द-ए-खाक किए गए। इस वर्ष भीड़ ने अपने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ डाले। चांदू मियां का ताजिया सुपुर्द-ए-खाक होने के बाद भीड़ एकाएक लाला बाजार की ओर चल पड़ी। जहां हलवा समेत अन्य सामग्री की लगी दुकानों पर जमकर बिक्री हुई। 

छज्जा गिरने से पांच महिलाएं घायल

फतेहपुर। मोहर्रम में ताजिया देखने के लिए छज्जे पर बैठी पांच महिलाएं हादसे का शिकार हो गई। छज्जा गिरने से महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। जिन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। थरियांव थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर कला गांव में शनिवार की शाम मोहर्रम के दौरान ताजिया उठाने का कार्यक्रम चल रहा था। तभी एक मकान के ऊपर छज्जे में बैठकर कुछ महिलाएं ताजिया देख रही थीं। तभी ताजिया निकलने के दौरान ही छज्जा भरभरा कर ढह गया। जिससे पांच महिलाएं छज्जे से नीचे आ गिरीं। हादसा देख भीड़ में हड़कंप मच गया। घायल महिलाओं में शबाना 14 वर्ष, मेल खां 18 वर्ष, खुर्शीदा बानो 35 वर्ष, आरफा बानो 21 वर्ष, कहकशा बानो 23 वर्ष शामिल हैं। घायल महिलाओं को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सदर अस्पताल के सीएमएस डा. पीके सिंह ने बताया कि सभी महिलाओं की हालत खतरे से बाहर हैं।


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