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Tuesday, August 29, 2023

गौवंश संरक्षण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं : डीएम

संवेदीकरण कार्यशाला में बिसंडा व नरैनी विकास खंड के प्रधान हुए शामिल 

बांदा, के एस दुबे । जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में निराश्रित गौवंश संरक्षण संवेदीकरण कार्यशाला विकास खण्ड बिसण्डा एवं विकास खण्ड नरैनी के ग्राम प्रधानों की बैठक सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानों से कहा कि गौवंशो को छुट्टा छोड़ने से किसान की फसलों का नुकसान होने के साथ मार्ग दुर्घटनायें होती हैं, जिसमें गौवंश के साथ अन्य लोंगो की जनहानि होती है, इसलिए र्ग्रामीण अपने गौवंशो को छुट्टा न छोड़े। सड़क व राजमार्ग तथा सार्वजनिक मार्गों पर गौवंशो के विचरण करने से अधिकतर दुर्घटनायें होती हैं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जनपद बांदा में सबसे अधिक निराश्रित गौवंश हैं, जिनको बेहतर तरीके से संरक्षित करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान एवं सभी लोंगो के सहयोग तथा प्रशासन के द्वारा करनी है। उन्होंने कहा कि निजी गौवंश पालकों को अपने पशु स्वयं बांधकर प्रत्येक दशा में रखने होंगे, यदि ऐसा नही करते हैं तो सम्बन्धित र्ग्राम प्रधान छुट्टा गौवंश छोड़ने वाले ग्रामीणों को चिन्हित कर पुलिस प्रशासन को अवगत करायें, ऐसा करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

कार्यशाला को संबोधित करते एसपी अंकुर अग्रवाल

कार्यशाला में जिलाधिकारी ने कहा कि गौ संरक्षण में सभी का जन सहयोग चाहिए। उन्होंने बताया कि सड़क के किनारे एवं चौराहों तथा अन्य दुर्घटना वाले स्थल जहां पर गौवंश एकत्र होते हैं, ऐसे 61 हाट स्पाट चिन्हित किये गये और ऐसे स्थलों में एकत्र गौवंशो को गौशालाओं में भेजने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि 27 गांव जहां पर रेलवे की पटरी मिलती है, उनको चिन्हित करते हुए गौवंशो को सुरक्षित करने की कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान एवं सचिव इस संवेदनशील कार्य को बेहतर समन्वय के साथ करते हुए अपने गांव की गौशाला को समस्त व्यवस्थाओं को दुरूस्त कराते हुए आदर्श गौशाला के रूप में बनायें। उन्होंने कहा कि यदि किसी संसाधन की गौशाला में आवश्यकता है तो उसको पूरा किया जायेगा। उन्होंने गोचर की भूमि को चिन्हित कर खाली कराये जाने के निर्देश उप जिलाधिकारी/खण्ड विकास अधिकारियों को दिये।

उन्होंने बताया कि जनपद स्तरीय 159 अधिकारियों को दो-दो गौशालाओं को गोद दी गयी हैं उन गौशाला में व्यवस्थाओं का सर्वेक्षण एवं सुधार के कार्य करेंगे। उन्होंने निर्देश दिये कि गौशालाओं में भूसा, चारा, दाना, पेयजल, प्रकाश की समुचित व्यवस्था रखी जाए। उन्होंने गौवंशो का टीकाकरण एवं जीयोटैगिंग के कार्य में जोर देते हुए कहा कि इसका विशेष धान रखा जाए। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों एवं पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये कि गौवंश आश्रय स्थलों का नियमित रूप से स्थलीय निरीक्षण अवश्य करें एवं आवश्यक व्यवस्थाओं का सत्यापन भी करते हुए गौशालाओं की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनायें।

कार्यशाला में अपर पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने ग्राम प्रधानों को कहा कि किसी भी दशा में गौवंश बाहर छुट्टा न घूमने पायें, यदि किसी पशु पालक द्वारा चिन्हित होने के बाद भी बार-बार गौवंशो को छुट्टा छोडते हैं तो उनके विरूद्ध कडी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान कि गौवंशो को छुट्टा छोडने वाले ऐसे लोंगो को चिन्हित कर थाने में तत्काल सूचना दें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी वेद र्प्रकाश मौर्य ने कहा कि गौआश्रय स्थलों पर रात में केयर टेकर वहीं पर उपस्थित रहेंगे तथा प्रतिदिन गौशालाओं की सफाई व्यवस्था कराये जाने के निर्देश दिये। कार्यशाला में जिलाधिकारी ने गौ संरक्षण के सम्बन्ध में ग्राम प्रधानों से जानकारी प्राप्त करते हुए, उनके सुझाव प्राप्त करते हुए उन्हें इस कार्य के लिए हर सम्भव सहयोग प्रदान किये जाने के लिए आश्वस्त किय। ग्राम प्रधान संघ के पदाधिकारियों बृजेन्द्र सिंह एवं ओम प्रकाश त्रिपाठी ने ग्राम प्रधानों द्वारा एक माह का मानदेय दिये जाने की घोषणा के साथ स्मृति चिन्ह भेंट किया। बैठक में उप जिलाधिकारी अतर्रा, खण्ड विकास अधिकारी बिसण्डा एवं नरैनी सहित जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. रामऔतार, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी संजीव बघेल, ग्राम प्रधान, सचिव व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। 


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