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Friday, September 1, 2023

फतेहपुर के सुमित ने आदित्य एल-1 के पेडोल में दिया सहयोग

अब भारत सूर्य मिशन में रचेगा इतिहास

फतेहपुर, मो. शमशाद । मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने पूरे विश्व में इतिहास रच दिया है। मिशन चंद्रयान की इस अभूतपूर्व, ऐतिहासिक और विश्व व्यापी अभियान में उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जनपद फतेहपुर के इसरो के अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुमित कुमार की अहम भूमिका रही है। अब वैज्ञानिक सुमित कुमार को सूर्य मिशन में भी शामिल किया गया है। जैसे ही वैज्ञानिक के सूर्य मिशन में शामिल होने की खबर मिली तो गौरवान्वित महसूस करते हुए जनपदवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं वैज्ञानिक की सफतला को खुशियों के त्योहार रक्षाबंधन का ऐतिहासिक तोहफा बताया है। अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुमित कुमार अब मिशन के जरिये सूर्य को और बेहतर समझने में सूर्य मिशन के लिए लांच होने वाले आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट के लिए पेलोड तैयार किया है। 

इसरो के अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुमित कुमार।

खागा तहसील के कस्बा स्थित विजयनगर मोहल्ले के रहने वाले अर्जुन सिंह के वैज्ञानिक बेटे सुमित कुमार इसरो के अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं। वर्तमान में वैज्ञानिक सुमित कुमार अहमदाबाद के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मिशन चंद्रयान-3 की विश्व स्तरीय सफलता के बाद अब अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुमित कुमार ने मिशन के जरिये सूर्य को और बेहतर समझने में सूर्य मिशन के लिए लांच होने वाले आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट के लिए अपनी टीम के साथ पेलोड तैयार किया है। इसरो वैज्ञानिक सुमित कुमार ने आईआईए बेंगलुरु के साथ मिलकर विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ नाम से पेलोड तैयार किया है। पेलोड में सात कैमरों का इस्तेमाल किया गया है। पेलोड में लगे चार कैमरे सूर्य की गतिविधिओं को देखेंगे, वहीं तीन कैमरे एल-1 पॉइंट में कणों और क्षेत्रों का अध्ययन करेंगे। 

चार माह में 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा

आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा स्थित प्रोफेसर सतीश धवन आंतरिक्ष केंद्र से आगामी दो सितंबर की सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लांच होने वाला आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट चार महीने में करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करते हुए एल-1 स्थान पर पहुंचेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार एल-1 वह जगह है जहाँ पृथ्वी और सूर्य का गुरुत्त्वाकर्षण संतुलित हो जाता है। यहाँ से सूर्य को देखने में आसानी होगी। आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट के जरिये सूर्य के बाहरी और अंदर की सतह पर होने वाली सभी गतिविधियों के साथ सौर्य वातावरण और सतह के तापमान का अध्यन कर लैंडर को भेजेगा।

आंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में असीम संभावनाएं

इसरो वैज्ञानिक सुमित कुमार ने कहा कि मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के बाद आदित्य एल-1 स्पेस मिशन में शामिल होना मेरे लिए बड़े गर्व की बात है। उन्होंने देश के सभी छात्र-छात्राओं को इस ओर रुचि दिखाने की बात कही है। उन्होने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं।


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