राष्ट्रीय आजीविका मिशन की महिलाओं का दर्द
जिलाधिकारी को सौंपा गया प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन
बांदा, के एस दुबे । जिले के विभिन्न ब्लाकों में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत जिन महिलाओं को जिम्मेदारी दी गई थी महिलाओं ने अपनी जिम्मेदारी को सही से निभाई। भरपूर मेहनत की। इसके अलावा टीएचआर एवं सामुदायिक शौचालय का कार्य भी सौंपे गए। तीन वर्ष का समय जिम्मेदारी उठाते हुए गुजर गया, लेकिन अभी तक मेहनताना नहीं दिया गया। स्वयं सहायता समूह की संबंधित विभाग के अधिकारियों के लगभग ढाई वर्ष से चक्कर काट रही हैं लेकिन विभाग के अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के
अधिकारी को ज्ञापन सौंपी शालिनी पटेल व अन्य महिलाएं |
पति जो मजदूरी करके लाते हैं उसे मजदूरी से हम सरकार का काम कर रहे हैं लेकिन सरकार हमारा ध्यान नहीं दे रही। प्रधानमंत्री से हमारी मांग है कि हमारी मजदूरी का भुगतान जल्द से जल्द किया जा अन्यथा की स्थिति में आने वाले लोकसभा चुनाव में चुनाव में हम बोर्ड का बहिष्कार करेंगे और सरकार के द्वारा जो हमको कार्ड की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन अब हम बिना मजदूरी के कार्य नहीं निभा पाएंगे। अगर हम संबंधित विभाग के अधिकारियों से मजदूरी मांगने जाते हैं तो हमको अधिकारियों के द्वारा धमकी दी जाती है कि तुम्हारी फिर लिखवा दी जाएगी और हमको अवध शब्द का प्रयोग किया जाता है मांग की गई कि एनआरएलएम मिशन के तहत टीएचआर में काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी का जल्द से जल्द भुगतान किया जाए। इस दौरान शालिनी सिंह पटेल प्रदेश अध्यक्ष जनता दल यूनाइटेड महिला मोर्चा उत्तर प्रदेश शारदा देवी, सुमन देवी, कमला देवी ,सुशीला देवी ,आरती पटेल आदि सैकड़ों महिलाएं मौजूद रहीं।
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